*अल्मोड़ा की उभरती कथक नृत्य कलाकार लावन्या ने अदभुत नृत्य से एक के बाद एक पुरस्कार जीतकर अल्मोड़ा का नाम रॊशन किया*

अल्मोड़ा- होनहार बिरवान के होत चिकने पात सूक्ति को अक्षरशः सार्थक करती अल्मोड़ा नगर की नॆसॆर्गिक प्रतिभा की धनी बेटी लावन्या मठपाल। अल्मोड़ा नगर का सांस्कृतिक एंव राजनॆतिक विरासत में लम्बा इतिहास रहा हैं। यहाँ की विशिष्ट प्रतिभाओं ने समय- समय पर अपनी असाधारण प्रतिभा से देश एंव प्रदेश में एक नया मुकाम हासिल किया हैं। आज इसी कड़ी में द्वाराहाट क्षेत्र के धरम गाँव के मूल निवासी ऒर शॆल क्षेत्र के निवासी प्रतिष्ठित युवा व्यापारी दिनेश मठपाल एंव गीता मठपाल की 13 वर्षीय बेटी लावन्या मठपाल ने विगत एक माह से भी कम समय में अपने कथक नृत्य से दो बड़े खिताब जीतकर अल्मोड़ा का नाम रॊशन कर दिया हैं।
लावन्या मठपाल ने अल्मोड़ा के बीयरशिवा स्कूल से एक से आठवीं तक की शिक्षा ग्रहण करी हैं। अभी वह सेन्ट जोसफ स्कूल लखनऊ में नवीं कक्षा में अध्ययनरत है। साथ ही साथ वह संस्कृत महाविद्यालय लखनऊ से नृत्य कला का प्रशिक्षण भी ले रही हैं।
कृष्णाप्रिय कथक केन्द्र हरिद्वार द्वारा तीन दिवसीय कृष्णा प्रिया महोत्सव भागीरथी उत्सव के जूनियर वर्ग में एकल नृत्य प्रतियोगिता में देश के विभिन्न स्थानों से आये कलाकारों को पछाड़ कर लावन्या ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। देश के प्रख्यात कथक नृतक स्व. बिरजू महाराज के छोटे भाई सुप्रसिद्ध कथक गुरू पंडित कृष्ण मोहन प्रतियोगिता के मुख्य निर्णायक थे। उन्होंने लावन्या को पुरस्कृत करके भविष्य के लिए बड़े कलाकार होने का आर्शीवाद दिया। उन्होंने लावन्या की अथक मेहनत की भूरि-भूरि प्रशंसा करी। कृष्णा प्रिया कथक केन्द्र की निदेशक उपासना तिवारी द्वारा प्रतीक चिन्ह एंव प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।
अपनी पोती की सफलता पर लावन्या के दादा प्रेम बल्लभ मठपाल एंव दादी भगवती मठपाल ने मूल गाँव में मिठाई बाँटकर हर्ष व्यक्त किया।
लावन्या मठपाल की सफलता पर अल्मोड़ा जन अधिकार मंच संयोजक त्रिलोचन जोशी, अध्यक्ष रेडक्रास सोसायटी मनोज सनवाल, पूर्व दर्जा राज्य मंत्री एड. केवल सती, पूर्व व्यापार मण्डल जिलाध्यक्ष हरेन्द्र वर्मा, महिला कल्याण संस्था अध्यक्ष रीता दुर्गापाल, सचिव पुष्पा सती, डे केयर अध्यक्ष हेम चन्द्र जोशी, सभासद अमित साह मोनू, विक्रम साह, विनय पाण्डेय, दिनेश दानी, नारायण बिष्ट, महेन्द्र रावत , प्रधान शॆल हरेन्द्र शॆली आदि ने हर्ष व्यक्त करके लावन्या के उज्जवल भविष्य की कामना करी।