गो0 ब0 पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा के ग्रामीण तकनीकी परिसर में हरियाणा कृषि विभाग, के यमुनानगर जनपद तथा विलासपुर विकास खण्ड के आत्मा परियोजना में चयनित 10 गॉवों के 10 प्रगतिशील किसानों एवं 2 कृषि विभाग के अधिकारियों हेतु दिनांक 16 फरवरी 2023 को एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का शुभारम्भ करते हुए संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं ग्रामीण तकनीकी प्रभारी डा. अशोक कुमार साहनी ने प्रशिक्षणार्थियों को संस्थान के ग्रामीण तकनीकी परिसर में प्रदर्शित विभिन्न आजीविका वृद्धि एवं पर्यावरण सम्वर्धन तकनीकों की विस्तृत जानकारी देते हुए संस्थान द्वारा हिमालयी राज्यों में किये जा रहे विभिन्न शोध एवं विकास कार्यों की जानकारी प्रदान दी। इस अवसर पर उपस्थित संस्थान की वैज्ञानिक डा. हर्षित पन्त जुगरान ने प्रतिभागियों को पिरूल का उपयोग कर बायोब्रिकेट एवं कागज बनाकर पिरूल से जंगलों में लगने वाली आग को कम करने के बारे में जानकारी दी एवं इस क्षेत्र में संस्थान द्वारा चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। तत्पश्चात संस्थान में कार्यरत डा. दीपा बिष्ट, श्री डी. एस. बिष्ट एवं डा0 देवेन्द्र सिंह चौहान ने प्रतिभागियों को परिसर में प्रदर्शित विभिन्न कम लागत की सरल एवं पर्यावरण मित्र तकनीकों मॉडलों जैसे- पिरूल से कोयला, कागज, सजावटी सामान, इत्यादि बनाना, विभिन्न प्रकार की जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट, बायोकम्पोस्ट, हीप कम्पोट, इत्यादि) तैयार करना एकीकृत मछली पालन, संरक्षित खेती जैसे- पौलीहाउस, पौलीटनल, नैट हाउस, इत्यादि, नदकी फसल, नर्सरी विकास, उद्यानीकरण विषय जानकारी प्रदान की, भ्रमण के दौरान डा0 अमित बहुखण्डी एवं दीप चन्द्र तिवारी द्वारा प्रतिभागियों को हिमालयी क्षेत्रों में पाये जाने वाली विविध जड़ी-बूटियों एवं उनके संरक्षण-सम्वर्धन हेतु संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। भ्रमण के उपरान्त प्रतिभागियों ने बतायी गयी तकनीकों को किसानों के लिए बहुत उपयोगी एवं लाभप्रद बताया। प्रशिक्षण शिविर के प्रायोजक कृषि विभाग के अधिकारियों डा0 अजीत सिंह एवं डा0 अमित सिंह ने संस्थान का धन्यवाद अदा करते हुए भविष्य में भी इस तरह के शिविर आयोजित करने को कहा।