दिनांक 22.05.2023 को अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान द्वारा इस वर्ष के अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम “समझौता से कार्यों की ओर: जैव विविधता का पुनर्जीवन” विषय के अंतर्गत एक दिवसीय विचार मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के माध्यम से संस्थान अपने यहाँ स्थापित “सूर्यकुंज” स्थल को आम जन के लिए एक यात्रा-गंतव्य स्थल बनाने पर विचार कर रहा है. कार्यक्रम का उद्देश्य 1) जैव विविधता को दैनिक परिचर्चा द्वारा मुख्यधारा में लाना 2) प्रकृति एवं उसके विविध घटकों, उनकी प्रक्रियाओं के द्वारा अपनी समझ एवं जुड़ाव में संवर्धन 3) संरक्षित स्थल को एक यात्रा-गंतव्य बनाने हेतु विभिन्न उपयोगकर्ता समूहों के सुझावों को एकत्र करते हुए स्थल के एक उत्कृष्ठ यात्रा गंतव्य निर्माण को सुनिश्चित करना है. इस कार्यक्रम के दौरान मिले बहुमूल्य सुझावों और प्रतिक्रियाओं से इस स्थल की दृश्यता एवं सौन्दर्यता में वृद्धि की जा सकेगी तथा इस स्थल को प्रकृति आधारित पर्यटन हेतु एक आदर्श केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकेगा.
कार्यकम में मुख्य अतिथि के रूप में नगर पालिका अध्यक्ष, अल्मोड़ा प्रकाश चन्द्र जोशी तथा विशिष्ठ अतिथि के रूप में व्यापार मंडल, कोसी के अधक्ष शिवराज सिंह बिष्ट जी तथा ज्योली ग्राम के ग्राम प्रधान देव सिंह भोजक उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरूआत संस्थान के वैज्ञानिक डा० सतीश आर्य के स्वागत संबोधन से हुई. स्वागत संबोधन के पश्चात् संस्थान के निदेशक डा० सुनील नौटियाल द्वारा मुख्य अतिथि तथा विशिष्ठ अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया. इसके पश्चात संस्थान के जैव विविधता संरक्षण तथा प्रबंधन केंद्र के प्रमुख डा० आई० डी० भट्ट ने जैव विविधता के महत्व तथा संस्थान द्वारा इसके संरक्षण हेतु किये जा रहे प्रयासों के बारे में सबको अवगत करवाया. उन्होंने इस वर्ष मनाये जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अंतर्गत संस्थान में आयोजित कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की.
उदघाटन सत्र में बोलते हुए ज्योली ग्राम के ग्राम प्रधान श्री देव सिंह भोजक ने जैव विविधता के हनन से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि जैव विविधता संरक्षण तथा संवर्धन हेतु प्रयास करने की आवश्यकता है तभी इसके दुष्परिणामों से बचा जा सकता है. इस अवसर पर व्यापार मंडल, कोसी के अधक्ष श्री शिवराज सिंह बिष्ट जी ने जैव विविधता संरक्षण हेतु सबको मिल कर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया दिया और कहा कि इसमें पर्यावरण संस्थान के अलावा जन साधारण के प्रयासों की भी नितांत आवश्कता है.
सत्र में बोलते हुए संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० जे०सी० कुनियाल ने पर्यावरणीय प्रदूषण तथा इसके दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण जैव विविधता तथा हमारे जीवन के लिए सबसे ज्यादा घातक है. उन्होंने कहा कि जैव विविधता ही वायु प्रदूषण को रोकने का सबसे प्रभावी उपाय है.
इस अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज, स्यालीधार के शिक्षक डा० प्रभाकर जोशी ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये और संस्थान द्वारा जैव विविधता संरक्षण हेतु किये जा रहे प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि सूर्यकुंज के माध्यम से छात्र छात्राएं अपनी पाठ्य पुस्तकों में सीमित ना रहकर व्यवहारिक रूप से अपनी जैव विविधता को समझ सकेंगे.
इस अवसर पर बोलते हुए संस्थान के निदेशक महोदय डा० सुनील नौटियाल के कहा कि इस वर्ष के अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम समझौता से कार्यों की ओर है अतः अब कार्यवाही करने की आवश्यकता है जो कि नितांत जरूरी है और हमें करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि जैव विविधता जीवन है तथा जैव विविधता हि हमारा जीवन है. उन्होंने कहा कि जैव विविधता का व्यवहारिक ज्ञान बहुत जरूरी है तभी हम इसका संरक्षण कर पायेंगे. उन्होंने जैव विविधता के विभिन्न प्रकारों तथा उनके बीच के अंतरसंबंध के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यदि धरती को बचाना है तो धरती की जैव विविधता को बचाना होगा. उन्होंने परम्परागत ज्ञान के महत्त्व के बारे में बताया और कहा कि परम्परागत ज्ञान के संरक्षण से ही जैव विविधता का संरक्षण किया जा सकता है.
अपने संबोधन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रकाश चन्द्र जोशी ने संस्थान द्वारा सूर्यकुंज की स्थापना तथा विकास हेतु संस्थान के वैज्ञानिकों की सराहना की और उन्हें बधाई दी. उन्होंने सबसे अपील की कि सभी लोग ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगायें. उन्होंने कहा कि जन्मदिन, शादी तथा अन्य शुभ अवसरों पर एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए तभी हम अपनी जैव विविधता को बढ़ा सकते हैं. उन्होंने भविष्य में बढ़ने वाली गर्मी तथा पानी की समस्या पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इस दिशा में कार्य करने की सख्त आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि पानी के स्रोत वाले स्थानों के आसपास अधिक से अधिक पौधे लगाये जायें ताकि पानी के स्रोतों को बचाया जा सके. उन्होंने कहा हमारी जैव विविधता प्रकृति की दी हुई एक विरासत है और इस विरासत को हमें बचाना होगा. उन्होंने बच्चों को सबका भविष्य बताया और कहा कि जैव विविधता संरक्षण से सम्बंधित प्रयासों में ज्यादा से ज्यादा बच्चों की प्रतिभागिता बढानी होगी.
उदघाटन सत्र के पश्चात कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों के दो समूह बनाए गए. एक समूह में विषय विशेषज्ञ, व्यवसायी, नौकरशाह, आदि तथा दूसरे समूह में छात्र एवं शिक्षाविद संम्मिलित थे. एक समूह का नेतृत्व डा० के०एस० कनवाल ने किया जिसमें उनका सहयोग डा० लक्ष्मण सिंह, डा० शाइनी ठाकुर तथा सौरभ मेहरा ने किया. दूसरे समूह का नेतृत्व डा० रविन्द्र कुमार जोशी ने किया जिसमें उनका सहयोग डा० पुष्पा केवलानी, सिमरन तोमर तथा प्रकाश सिंह ने किया. इन दोनों समूहों को संस्थान के सूर्यकुंज का भ्रमण करवाया गया तथा वहां की जैव विविधता, पारिस्थितिकी, उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी. इस दौरान प्रतिभागियों से सूर्यकुंज से सबंधित उनके बहुमूल्य सुझाव तथा प्रतिक्रियाएँ ली गयी ताकि इस स्थल का और अधिक विकास किया जा सके.
सूर्यकुंज भ्रमण के पश्चात सभी प्रतिभागी एक जगह एकत्र हुए और उनके बीच विचार मंथन किया गया. इसका नेतृत्व डा० के०एस० कनवाल तथा डा० रविन्द्र कुमार जोशी ने किया. इस विचार मंथन में सूर्यकुंज की जैव विविधता, पारिस्थितिकी, उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के बारे में गहन विचार विमर्श किया गया. प्रतिभागियों से इसके विकास तथा इसे जन साधारण से जोड़ने हेतू प्रतिक्रियाएँ ली गयी ताकि इस स्थल को एक उत्कृष्ठ यात्रा गंतव्य के रूप में विकसित किया जा सके तथा इसकी दृश्यता एवं सौन्दर्यता में वृद्धि की जा सके. साथ ही इस स्थल को प्रकृति आधारित पर्यटन हेतु एक आदर्श केंद्र के रूप में विकसित किया जा सके. विचार मंथन सत्र के पश्चात विचार मंथन सत्र से प्राप्त सुझावों तथा प्रतिक्रियाओं पर आधारित संस्तुतियां बनायी गयी. कार्यक्रम का समापन डा० आशीष पाण्डेय के द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ.
कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष, अल्मोड़ा प्रकाश चन्द्र जोशी, व्यापार मंडल, कोसी के अधक्ष शिवराज सिंह बिष्ट, ज्योली ग्राम के ग्राम प्रधान देव सिंह भोजक, दर्पण समिति की अध्यक्ष विभु कृष्णा, सचिव व्यापार मंडल नवीन चन्द्र जोशी, व्यापार मंडल के दिग्विजय सिंह मेहता, राजकीय इंटर कॉलेज, स्यालीधार के शिक्षक डा० प्रभाकर जोशी, राजकीय इंटर कॉलेज, ज्योली, हवालबाग तथा स्यालीधार से आये शिक्षकगण एवं छात्र छात्राएं, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के ब्राँच मेनेजर मोहन सिंह, रिटायर्ड ब्रांच मेनेजर एस.बी.आई. एम्० सी० कांडपाल आदि उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में संस्थान की ओर से संस्थान के निदेशक महोदय डा० सुनील नौटियाल, संस्थान के वैज्ञानिक डा० जे०सी० कुनियाल, डा० आई० डी० भट्ट, डा० सतीश आर्य, डा० के० एस० कनवाल, डा० आशीष पाण्डेय, डा० सुरेश राणा, सीनियर तकनीशियन डा० सुबोध ऐरी, के अलावा शोधार्थी एवं स्टाफ डा० रविन्द्र कुमार जोशी, डा० अमित बहुखंडी, डा० लक्ष्मण सिंह, डा० शाइनी ठाकुर, डा० पुष्पा केवलानी, विभास ध्यानी, नरेन्द्र सिंह परिहार, दीप तिवारी, बसन्त सिंह, हिमांशु बर्गाली, हिमानी तिवारी, प्रकाश सिंह, सिमरन तोमर, मनोज मेहता, दीपक, मुकेश, सौरभ मेहरा, राजेंद्र अधिकारी, पूरन सिंह कनवाल एवं सूर्यकुंज के समस्त कर्मचारीगण ने प्रतिभाग किया।