अल्मोड़ा- उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक ने वन संरक्षक उत्तरी कुमाऊं वृत अल्मोड़ा को पत्र प्रेषित कर अल्मोड़ा विधानसभा के नगरपालिका क्षेत्र में बन्दरों,तेंदुए तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बन्दर,जंगली सूअरों, तेंदुए के आतंक से निजात दिलाने की मांग की गयी है।कहा कि यदि एक सप्ताह में वन विभाग ने नहीं बनाई कोई स्पष्ट नीति तो 18 दिसम्बर सोमवार को कन्जरवेटर कार्यालय में धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे।पत्र के माध्यम से कहा गया है कि उपरोक्त विषयक के सम्बन्ध में आप भली-भांति अवगत है कि अल्मोड़ा विधानसभा में काश्तकारों की आर्थिकी को पिछले कई वर्षों से बन्दर और जंगली सूअर भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं तो दूसरी ओर तेंदुये के आतंक से लोग त्रस्त हैं।अल्मोड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों का काश्तकार जिसके जीवन यापन का एक मात्र सहारा पहाड़ी सब्जी,आलू,दालें,मडुआ आदि उगाकर उसे बेच कर अपने परिवार का जीवन यापन करना था।आज स्थिति यह है कि बन्दर और जंगली सूअरों के कारण काश्तकार तबाह हो चुका है साथ ही तेंदुये के आतंक से भयभीत है। गरीबी की मार से जूझ रहा काश्तकार जमीन के अन्दर उगने वाला अनाज, आलू प्याज, लहसुन, गडेरी, अरबी (पिनालू) अदरक तक पैदा नहीं कर पा रहा है। बन्दर तो नुकसान कर ही रहे हैं वहीं जंगली सूअर जमीन के अन्दर तक खोदकर फसल नष्ट कर तबाह कर रहे हैं। जिसके फलस्वरूप काश्तकार लाभ अर्जित करने के बजाय उसका बीज, खाद खरीदने में लगाया गया रूपया भी मिट्टी बन रहा है। विधानसभा के नगर क्षेत्र के लोग बन्दर, तेंदुये के आतंक से भयभीत हैं। प्रायः नगर व ग्रामीण क्षेत्र के कई लोग स्कूली बच्चे बन्दरों के काटने से घायल हो गये तो वहीं तेंदुये के ग्रास बन गये अथवा गम्भीर रूप से घायल हो गये ।
उपरोक्त के गम्भीर परिणामस्वरूप लोग गांव से पलायन कर रहे हैं।बन्दर, जंगली सूअर तथा तेंदुओं को पकड़ने के लिये कोई कार्यवाही आपके विभाग द्वारा अमल में नहीं लायी गयी और न ही सरकार का ध्यान इस ओर है।जिसका गम्भीर प्रभाव गरीब काश्तकारों पर पड़ रहा है उनके जीविकोपार्जन का एक मात्र साधन कृषि करना था जो आज इन जानवरों के कारण सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि जनहित में इस गंभीर मुद्दे पर कार्यवाही की मांग को लेकर वे आगामी 18 दिसम्बर सोमवार को कन्जरवेटर कार्यालय में जनता को साथ लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे।