अल्मोड़ा – गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र द्वारा दिनांक 21.09.2023 को इन हाउस परियोजना -04 के अंतर्गत बागेश्वर जिले के गांव मलखा दुगरवा में औषधी पौधों का कृषिकरण एवं संरक्षण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए जागरुक करना था। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए संस्थान के वैज्ञानिक डा0 आशीष पाण्डे ने संस्थान का परिचय देते हुए किसानों को औषधीय पौधों की खेती करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि कैसे हम कौशल तरीके से वन हल्दी तिमूर तथा तेजपता की खेती कर हम अपनी आजीविका को बढ़ा सकते है साथ ही उन्होंने बताया कि कैसे हम जंगली जानवरों के साथ सामंजस्य बैठाकर औषधीय पौधों की खेती कर सकते हैं जिससे की फसल को जंगली जानवरों से कोई हानि न हो सके। कार्यक्रम में उपस्थित सुरकुंडा जड़ी बूटी के सचिव श्री भूपाल सिंह गड़िया ने बताया कि इस वर्ष मल्खा गाँव से 10 किसानों ने वन हल्दी की खेती से लगभग 1.5 लाख की आय अर्जित की है। उन्होंने बताया कि कैसे भविष्य में कम लागत से औषधियों पौधों की खेती हमारे आजीविका संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। कार्यक्रम के समापन में संस्थान के शोधार्थी बसन्त सिंह ने सभी कृषकों तथा ग्रामवासियों, संस्थान निदेशक प्रो सुनील नौटियाल, डा० आई०डी० भट्ट केन्द्र प्रमख जैवविविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र, डा0 आशीष पाण्डे, भूपाल सिंह गड़िया का धन्यवाद किया। इस कार्यशाला में संस्थान के वैज्ञानिक डा0 आशीष पाण्डे, शोधार्थी बसन्त सिंह, सौरभ मेहरा सहित लगभग 35 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।