नगर में ऐतिहासिक एवं पौराणिक मां नंदा देवी मेले में लोग बड़ चढ़ के आ रहे है। इस वर्ष मेले पूरे शहर में देखने को मिल रहा है। की बच्चों के लिए झूले है तो कही मनोरंजन के लिए कार्यक्रम। तीसरे रोज मां नंदा की पूजा अर्चना के बाद फलसीमा से शोभायात्रा की शक्ल में मां के जयकारों व भजनों के बीच भक्त कदली वृक्ष लेकर आए। कदली वृक्षों से अब मां नंदा—सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण स्थानी कलाकारों के द्वारा ही किया गया है। मूर्ति निर्माण में मुख्यत रवि गोयल, सीपी वर्मा, देवेंद्र जोशी, शैलेंद्र वर्मा, रक्षित शाह, रवि कननौजिया शामिल रहते है।

नन्दादेवी मंदिर से फलसीमा सूबेदार जसवंत सिंह के आवास तक श्रद्धालु ढोल नगाड़ों, छोलिया नृतकों के साथ गए। लोग मां के भजन गाते व जयकारे लगाते फलसीमा पहुंंचे। जहां चंद वंशज के राज पुरोहित नागेश पंत, मुख्य पुजारी तारा दत्त जोशी, पुजारी प्रमोद पाठक व विनोद जोशी ने कदली वृक्षों की विधिवत पूजा की। इसके उपरांत कदली वृक्षों को शोभायात्रा की शक्ल में एनटीडी, एलआर साह रोड, ड्योढ़ी पोखर, थाना बाजार, गंगोला मौहल्ला, जौहरी बाजार, कारखाना बाजार, चौक बाजार, लाला बाजार होते हुए नन्दा देवी मंदिर में लाया गया। कदली वृक्षों से नंदा देवी मंदिर में मां नंदा सुनंदा की मूर्ति निर्माण स्थानीय कलाकारों ने किया। जिनमें कदली वृक्ष समेत वस्त्र, रिंगाल, कुमकुम, पिठ्या आदि चीजों का इस्तेमाल हुआ। मूर्ति बनाने वालों में सह संयोजक मूर्ति निर्माण रवि गोयल, सीपी वर्मा, देवेंद्र जोशी, शैलेंद्र वर्मा, रक्षित शाह, रवि कननौजिया आदि शामिल रहे। हास्य कलाकारों ने भी लोगों को अपनी और खींचा का कार्य किया। मेले की रौनक कार्यक्रमों में देखने को मिली। मां नंदा सर्वदलीय महिला संस्था के कार्यक्रमों ने शाम का समा बांधा, संस्था की सचिव गीता मेहरा ने बताया कि उनकी संस्था का उत्साह मां नंदा के मंच में अलग ही नजर आता है। संस्था की महिलाओं ने पूरी शिद्धत के साथ लोक नृत्य, गरबा, डांडिया सहित अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया। संस्था की अध्यक्ष मीना भैंसोड़ा इस कार्यक्रम की संयोजक रही। एवं पुलिस विभाग द्वारा नशा मुक्ति नृत्य का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मनोज वर्मा, मनोज सनवाल, संजय साह रिक्खू, अनूप साह, गोविंद मेहरा आदि लोग मौजूद रहे।