गो0 ब0 पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल द्वारा चलाई जा रही ईको-स्मार्ट आदर्श ग्राम परियोजना के अन्तर्गत चयनित ज्योली ग्राम समूह के कनेली एवं कुज्याड़ी ग्राम सभा में आजादी के अमृत महोत्सव थीम के तहत दिनांक 2 से 3 मार्च 2023 तक सतत् खाद्य उत्पादन हेतु शून्य लागत प्राकृतिक खेती अभ्यास एवं प्रबन्धन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ज्योली ग्राम के ग्राम पंचायत भवन में किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ज्योली ग्राम समूह के 40 कृषकों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषकों को गॉव में उपलब्ध संसाधनों जैसे- गोबर, गोमूत्र, विछछू घास एवं अन्य जैविक पदार्थों से कुणाप जल तैयार करने की विधि के बारे में व्यवहारिक जानकारी दी गयी। इस तरह तैयार किया गया कुणाप जल बिशुद्ध रूप से जैविक होता है एवं कीण नाशक के रूप में बहुत प्रभावी होता है साथ ही मिट्टी की उर्वरता को भी कई गुना बढ़ा देता है, इसे तैयार करने में कुछ भी लागत नहीं आती है और शून्य बजट में कुणाप जल तैयार हो जाता है जिसमें लगभग एक माह से भी कम समय लगता है। इस प्रकार किसान को पूरे वर्ष उगने वाली फसलों के लिए कीटनाशक एवं खाद उपलब्ध हो जाती है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में पर्वतीय क्षेत्रों में जैविक खेती को बढ़ावा देने तथा इससे जुड़े विभिन्न तकनीकी पहलुओं की जानकारी संस्थान की वैज्ञानिक डा. शैलजा पुनेठा द्वारा विस्तृत रूप से दी गयी। इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 अशोक कुमार साहनी ने प्रतिभागियों को रासानिक खादों से होने वाले स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय क्षति के बारे में बताते हुए ग्रामीणों को पर्वतीय क्षेत्रो में वर्षो से चली आयी जैविक खेती की परम्परा को बनाये रखने एवं कीट नाशक के रूप में जैविक कुणाप जल का उपयोग करने पर जोर देने की बात कही। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन एवं संचालन डा. देवेन्द्र चौहान एवं डी.एस. बिष्ट ने किया। इस अवसर पर प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित ज्योली ग्राम के प्रगतिशील किसान पान सिंह, बहादुर सिंह, नथु राम, बचे सिंह, रेखा देवी, पुष्पा देवी, नन्दी देवी, गोपाल राम, इत्यादि ने परियोजना के अन्तर्गत हो रहे लाभों से अवगत कराते हुए संस्थान का आभार व्यक्त किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने में ग्राम प्रधान एवं हवालबाग विकासखण्ड के प्रधान समूह के अध्यक्ष देव सिंह भोजक का विशेष सहयोग रहा।