अल्मोड़ा- खत्याड़ी क्षेत्र से लगे बेस बाजार में नेशनल हाईवे के अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम चिन्हीकरण की कार्यवाही करने पहुंची जिससे लोगों में काफी डर का माहौल पैदा हो गया। इसकी सूचना स्थानीय लोगों के द्वारा पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक को दी गयी।जनता के समर्थन में बिट्टू कर्नाटक तुरन्त मौके पर पहुंचे और नेशनल हाईवे के अधिकारियों से बात कर कार्यवाही रूकवाई। इस अवसर पर कर्नाटक ने कहा कि किसी भी दशा में जनता का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब नेशनल हाईवे के बायपास को चौंसली से ले जाने की कार्यवाही चल रही है तो विभाग के अधिकारियों को ऐसी कौन सी आफत आ गयी जो वे चिन्हीकरण करने बेस बाजार पहुंच गये। उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल से लोगों ने बैंक से कर्ज लेकर अपना व्यवसाय शुरू किया है।बिना किसी पूर्व सूचना के सम्बन्धित विभाग के कर्मचारी लोगों की दुकानों में घुस जा रहे जिससे लोगों में भय का माहौल है। उन्होंने कहा कि इसे किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। उन्होंने सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों से भी कड़े स्वर में कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का हम सभी सम्मान करते हैं परन्तु इसका ये मतलब नहीं है कि इस आदेश की आड़ में सम्बन्धित विभाग लोगों को डराने का काम करें। उन्होंने कहा कि जब नेशनल हाईवे के बायपास को चौंसली से डायवर्ट करने की कार्यवाही चल रही है तो ऐसे में नेशनल हाईवे के अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा इस तरह की कार्यवाही करना समझ से परे हैं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कुछ होना भी है तो पहले विभाग जनता को विश्वास में ले।एक खुली बैठक कराई जाए।ऐसा नहीं कि फीता लेकर सीधे विभाग लोगों की दुकानों में घुस जाए। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में भी इस तरह की कोई कार्यवाही विभाग द्वारा की गयी तो उसका व्यापक विरोध किया जाएगा। बिट्टू कर्नाटक ने सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों से भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि कोई भी कार्यवाही करने से पहले विभाग स्थानीय लोगों के साथ एक खुली बैठक करे और उसमें सर्वसम्मति से कोई समाधान निकाले। कर्नाटक ने कहा कि यदि लोगों को भविष्य में विभाग,विभाग के अधिकारियों के द्वारा इस तरह से धमकाने का कार्य किया गया तो वे फिर सम्बन्धित विभाग के खिलाफ उग्र आन्दोलन को बाध्य होंगे। कर्नाटक ने कहा कि वे अल्मोड़ा विधानसभा की जनता के हितों के लिए सदैव खड़े हैं। किसी भी कीमत में जनता का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कर्नाटक ने कहा कि विभाग के साथ खुली बैठक में वे जनसुनवाई करेंगे जिसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।