अल्मोड़ा – बहुत खामियां हैं मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा में।
विगत पांच वर्षों से अपने अस्तित्व में आये मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा से कुमाऊं मण्डल के पहाड़ी क्षेत्रों के मरीजों को बहुत आशाएं हैं। लेकिन धीमी प्रशासनिक कार्य प्रणाली एवं इच्छा शक्ति के आभाव में अभी तक एक आप्रेशन थियेटर एवं ब्लड बैंक भी नहीं बन पाया है।
किसी भी बड़े आप्रेशन के लिए मरीजों को उनकी जान से खेलते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
रेस्पिरेटरी वार्ड को हालांकि मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा गया है पर गम्भीर मरीजों के लिए मोबेलाइज्ड एक्स-रे, इसीजी, एवं अल्ट्रासाउंड मशीनें नहीं है जो गम्भीर मरीजों के लिए असुरक्षा का कारण बन रहा है।
शाम होते ही नर्सिंग ड्यूटी स्टाफ की गपशप का शोर शराबा शुरू हो जाता है जिससे अपनी ड्यूटी के प्रति भी स्टाफ कन्फ्यूज्ड रहता है जो मरीजों के लिए गम्भीर स्थिति पैदा कर सकता है।
मरीजों को दिया जानेवाला भोजन बिल्कुल भी हाजैनिक नहीं है। किसी प्रकार की साफ-सफाई वाली कैटरिंग सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।
एक प्रोफेशनल मेडिकल कॉलेज की सुविधओं से पूरी तरह से वंचित है अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज।