अल्मोड़ा। पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने पत्रकार वार्ता में कहा की भारतीय लोकतंत्र में यह पहली बार हुआ है कि सत्ताधारी पार्टी ने संसद को चलने नहीं दिया। इससे बड़ा दुर्भाग्य लोकतंत्र का नहीं हो सकता है। प्रदीप ने कहा की यह कैसा लोकतंत्र है जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ही नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि देश की आम जनता जानना चाहती है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी के बीच क्या संबंध है। जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर जाते हैं, अडानी तब तक अपने बिजनेस अंपायर को बढ़ाने के लिए क्यों साथ जाते हैं। तब भाजपा इस पर क्यों असहज हो रही है यह भी जानने की मंशा जनता की है।

उन्होंने कहा विदेश दौरे के बाद अदानी कंपनी के खाते में 20 हजार करोड़ कहां से आया, आज तक इस बात का जवाब मोदी सरकार नहीं दे पाई। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री और अडानी के संबंधों को लेकर राहुल गांधी ने सवाल उठाए तो उनकी संसद की सदस्यता ही समाप्त कर दी गई। अब घर से निकालने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है प्रदीप टम्टा ने कहा कि अब देश में बोलने वालों का दमन शुरू हो गया है। अब 24 के चुनाव में जनता इसका जवाब देगी। सबका साथ सबका विकास 2 करोड़ युवाओं को प्रतिवर्ष रोजगार देने का वादा करने वाली सरकार को 9 साल सत्ता में रहते हो गए हैं इन वर्षों में 18 करोड़ युवाओं को रोजगार मिल जाना चाहिए था। कहां गया रोजगार सबका विकास होना चाहिए था देश में महंगाई भ्रष्टाचार अनीति की पराकाष्ठा हो गई है। अभिव्यक्ति पर अघोषित अंकुश लगा है। जनता देख रही है कि जब विपक्ष जो अपनी बात बेबाकी से रखता है। जब वही सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी की क्या बिसात है। पूर्व सांसद ने कहा कि देश इस समय सत्ता दिशा के भय के साए में जी रहा है। लोकतंत्र का गला जिस प्रकार भोटा जा रहा है इसका जवाब आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता अवश्य देगी एक सवाल के जवाब में प्रदीप टम्टा ने कहा कि सत्ताधारी भाजपा के दमनकारी आचरण का सबसे बड़ा कारण है। राहुल गांधी की देश में बढ़ती स्वीकार्यता और लोकप्रियता हाल की भारत जोड़ो यात्रा में कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा के दौरान जनसैलाब से भाजपा का कमांडर गया है। यही कारण है कि सत्ताधारी भाजपा राहुल गांधी पर लगातार हमलावर हो रही है।