अल्मोड़ा – उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने गांधी पार्क अल्मोड़ा में धरना दिया । इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के मामले में सरकार अपनी ही घोषणाओं को लागू नहीं कर रही है मुख्यमंत्री ने कुछ समय पूर्व घोषणा की थी कि सभी राज्य आंदोलनकारियों को एक समान पैंशन दी जायेगी, पहली बार मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने घोषणा की थी कि राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को भी पैंशन दी जायेगी दो वर्ष से अधिक समय हो गया है पैंशन अभी तक नहीं मिली है। क्षैतिज आरक्षण का विधेयक विधानसभा से पारित तो हो गया है किन्तु लागू कब होगा यह निश्चित नहीं हैं स्थिति इतनी गंभीर है कि राज्य आंदोलनकारियों के आश्रित भी नौकरी की आयु सीमा पार कर चुके हैं जनता की मांग पर गैरसैंण राजधानी बनाना तो दूर सरकार अपनी घोषणा के अनुरूप गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी ले जाने को तैयार नहीं है यह सरकार वहां विधानसभा सत्र तक नहीं करा पा रही है सरकारी धन केवल प्रचार प्रसार में खर्च हो रहा है जमीन में नहीं लग रहा सरकार भारी खर्च कर एक ओर विकास रथ निकाल रही है दूसरी ओर किसानों की खेती बाड़ी चौपट कर रहे जंगली जानवरों से उसकी सुरक्षा के लिए कुछ नहीं कर रही है । मुख्यमंत्री की घोषणाओं के लागू न होने तथा जनता की मांगों पर कोई कार्यवाही न होने से यह धारणा प्रबल होती है कि राज्य में सरकारी मशीनरी बेलगाम हो चुकी है उसे जन समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है वक्ताओं ने चेतावनी दी कि राज्य आंदोलनकारियों की मांगों पर सरकार का यही रवैया रहा तो राज्य आंदोलनकारी आगामी लोकसभा चुनाव में जनता के बीच जाकर चुनाव बहिष्कार करने तथा नोटा दबाने का आह्वान करैंगे। धरने में ब्रह्मा नन्द डालाकोटी, शिवराज बनौला, दौलत सिंह बगड्वाल, लक्ष्मण सिंह, रबीन्द्र सिंह, पान सिंह, गोपाल सिंह बनौला, दिनेश शर्मा, मोहन सिंह भैसोड़ा, जीवन सिंह , महेश पांडे, तारादत्त भट्ट, बहादुर राम, तारादत्त तिवारी, पूरन सिंह, कैलाश राम, कृष्ण चन्द्र, गोविंद राम, सुशीलन चन्द्र, तारा देवी, दीवान सिंह ताराराम, सुंदर सिंह आदि सम्मिलित हुए।