केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की जयंती पर उन्हें याद करते हुए देश के प्रति उनके योगदान को अभूतपूर्व बताया।

भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड के बुधाणी गांव में 25 अप्रैल 1919 को जन्मे हेमवती नंदन बहुगुणा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर सामाजिक कार्यों में कदम रखा और वर्ष 1952 में पहली बार हेमवती नंदन बहुगुणा विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। फिर 1957- 1970-1974- 1977 तक लगातार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इसके अलावा उन्होंने संपूर्णानंद मंत्रिमंडल में श्रम तथा समाज कल्याण विभाग के पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी का दायित्व निभाया, तथा 1958 में वह उद्योग विभाग में उपमंत्री रहे, 1962 में श्रम विभाग के उप मंत्री बनाए गए तथा 1967 में वित्त एवं परिवहन मंत्री रहे । इसके अलावा उन्होंने 1971- 1977 तथा 1980 में लोकसभा सदस्य के रूप में सेवाएं दी। तथा 2 मई 1971 को केंद्रीय मंत्रिमंडल में संचार राज्य मंत्री बने । इसके अलावा पहली बार 8 नवंबर 1973 से 4 मार्च 1974 तक तथा दूसरी बार 5 मार्च 1974 से 29 नवंबर 1975 तक वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे । 1977 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में पेट्रोलियम रसायन उर्वरक मंत्री रहे और 1979 में केंद्रीय वित्त मंत्री बने। और 17 मार्च 1989 को उन्होंने शरीर त्याग दिया।

केंद्रीय मंत्री भट्ट ने कहा कि हिमालय पुत्र हेमवती नंदन बहुगुणा विषम परिस्थितियों में आगे बढ़कर देश और समाज के प्रति कर्मशील व्यक्ति की भावना लेकर आगे बढ़े। उन्होंने न गढ़वाल, न कुमाऊं के हम हैं उत्तराखंडी नारा दिया। भले ही स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की कर्मभूमि इलाहाबाद रही हो लेकिन उन्होंने हमेशा अपनी जन्मभूमि की चिंता रही और वह सदैव पहाड़ी राज्यों की पक्षधर रहे। यही वजह थी कि उन्होंने अलग पर्वतीय विकास मंत्रालय बनाकर विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले पहाड़ी क्षेत्रों के विकास में एक नई दिशा दी। भट्ट ने कहा कि स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचार थे, उनके अंदर संगठनात्मक व प्रशासनिक क्षमता से युवाओं में ऊर्जा का संचार कर वह उन्हें निरंतर आगे बढ़ाते रहते थे । भट्ट ने ऐसे हिमालय पुत्र हेमवती नंदन बहुगुणा को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हमें आगे बढ़ने की आवश्यकता है।