अल्मोड़ा- एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल आफीसर्स एसोसिएशन कुमाऊं मण्डल नैनीताल द्वारा मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री,शिक्षा सचिव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखंड निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा, उत्तराखंड निदेशक माध्यमिक शिक्षा, उत्तराखंड अपर शिक्षा निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा कुमाऊं मण्डल नैनीताल को पत्र भेजकर लंबे समय से लंबित मामलों पर शासनादेश जारी करने की मांग की है। एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल आफीसर्स एसोसिएशन कुमाऊं मण्डल के अध्यक्ष जगमोहन सिंह खाती,मंडल सचिव धीरेन्द्र कुमार पाठक द्वारा अवगत कराया गया है कि वर्तमान में वरिष्ठ सहायक व अन्य पदों पर शिथिलीकरण शासनादेश जारी होने पर सदस्यों को लाभ मिलता लेकिन शासनादेश निर्गत नहीं होने पर सैकड़ों पदोन्नति प्रभावित हो रही है।सरकार द्वारा पूर्व में 30-6-22 तक शासनादेश जारी किया गया था।शिथिलीकरण शासनादेश जारी नहीं होने पर सदस्यों में रोष व्याप्त है।मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने के बाद भी गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है।आहरण वितरण अधिकार प्रदान नहीं किया गया है और उनके कार्य और उत्तरदायित्व का प्रख्यापन भी शासन स्तर से नहीं करने से मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों में भी रोष व्याप्त है। मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को गृह जनपद में तैनात करने हेतु शासनादेश जारी हो गया है।काउंसलिंग में तो लाभ दिया जा रहा है लेकिन जो मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अपने जनपदों में इस आदेश से पूर्व तैनात हो गये है उनके गृह जनपद वापसी के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया गया है जबकि वर्तमान में उनके जनपद में पद रिक्त हैं। एक्ट में सुगम से सुगम पारस्परिक स्थानांतरण की भी अनुमति नहीं है जिस वजह से काफी संख्या में सदस्य प्रभावित हो रहे हैं जो कि मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, प्रधान सहायक, वरिष्ठ सहायक व कनिष्ठ सहायक के पद पर तैनात हैं।संगठन द्वारा कहा गया है कि सुगम से सुगम स्थानों पर भी पारस्परिक स्थानांतरण का शासनादेश जारी किया जाय।कनिष्ठ सहायक के पद पर मृतक आश्रित व सीधी भर्ती पर नियुक्ति होने पर एक माह का अनिवार्य विभागीय प्रशिक्षण हो इसे औपचारिकता पूर्ण करने के लिए नहीं किया जाय। 2-7-19 को प्रधान सहायक के पद पर जो सूची जारी की गई ऐसे सभी सदस्यों को डीपीसी की तिथि से प्रधान सहायक के पद के सारे वित्तीय लाभ दिये जाये। प्रधान सहायक के पद पर वास्तविक पदोन्नति का लाभ प्रदान नहीं करने पर सदस्यों में रोष व्याप्त है। इससे भर्ती वर्ष का भी नुकसान हो रहा है।ऐसे विद्यालयों में जहां मुख्य प्रशासनिक अधिकारी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कार्यरत हैं लेकिन प्रधानाचार्य के पद पर प्रवक्ता या एल टी के शिक्षक कार्यरत हैं वहां अनिवार्य रूप से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की गोपनीय आख्या लिखने का अधिकार खंड शिक्षा अधिकारी या समकक्ष अधिकारी को सौंपा जाय। इसी प्रकार समीक्षक अधिकारी व स्वीकृता अधिकारी भी नामित हो।मंडलीय वर्चुअल बैठक में उपस्थित अध्यक्ष जगमोहन सिंह खाती, सचिव धीरेन्द्र कुमार पाठक, मंडलीय उपाध्यक्ष बलवीर सिंह भाकुनी, मंडल कार्यकारिणी सदस्य संजय कुमार, जिला अध्यक्ष अल्मोड़ा पुष्कर सिंह भैसोड़ा ,जिला अध्यक्ष बागेश्वर विजय रावत ,जिला मंत्री चंपावत प्रकाश तड़ागी, जिला अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय,मुख्य प्रशासनिक अधिकारी टेचन कुमार, देवकी बिष्ट, गायत्री पांगती, सुनीता रानी, सुशीला रावत,उम्मेद बसेड़ा,विनीत पांडेय, धनंजय चौड़ाकोटि आदि वक्ताओं द्वारा सभी लंबित मामलों में शासनादेश जारी करने की मांग की है।वक्ताओं द्वारा धारा 27 के तहत भी सभी मामलों को संज्ञान लेते हुए स्थानांतरण सूची जारी करने की मांग की गई।सभी कार्यालयों में अनिवार्य रूप से तीन-चार अनुसेवक भी तैनात होने चाहिए। उत्तराखंड में पूर्व में पर्याप्त संख्या में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात थे लेकिन सरकार द्वारा पचास प्रतिशत से भी अधिक पदों पर कटौती कर दी जिससे कार्यालय भी अनुसेवक विहिन हो गये है । अधिकांश विद्यालयों में भी पर्याप्त संख्या में परिचारक के पदों पर कटौती करने से व्यवस्था चरमरा गई है। उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड जनपद अल्मोड़ा के अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार जोशी द्वारा भी सभी लंबित मामलों में शासनादेश जारी करने की मांग की गई है।