गो0ब0 पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल के तत्वाधान में यू0के0एस0आर0एल0एम0 व हाई एल्टीट्यूड प्लान्ट फिजियोलॉजी रिसर्च सेन्टर (हैप्रक) के सहयोग से ई0टी0सी0, हवालबाग के सभागार में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती पर दिनांक 20 मार्च 2023 से 23 मार्च 2023 तक चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत डॉ0 पारोमिता घोष, केन्द्र प्रमुख, सामाजिक-आर्थिक विकास केन्द्र द्वारा विभिन्न जनपदों से आये सी0एल0एफ0 कार्यकर्ताओं के स्वागत से की गयी। उसके पश्चात् प्रो0 सुनील नौटियाल, निदेशक, गो0ब0प0रा0हि0प0 संस्थान द्वारा कार्यक्रम में आए कार्यकर्ताओं का परिचय लेते हुए कार्यक्रम के बारे में अपना अनुभव साझा किया तथा कार्यक्रम के विषय में अवगत कराया गया और बताया कि इस प्रकार की खेती से ग्रामीणों की आजीविका को बढ़ाने में लाभ मिलेगा और इसमें महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। डॉ0 घोष द्वारा औषधीय पौधों पर विभिन्न बुवाई और रोपाई की तकनीकों के मूल अवलोकन के बारे में विस्तार से बताया गया तथा इन पौधों की खेती और उनके लाभ व बाजार लिकेंज पर सरकारी नीतियों के बारे में जानकारी दी। इसके पश्चात् संस्थान की वैज्ञानिक व कार्यक्रम की सह-संयोजक डॉ0 शैलजा पुनेठा द्वारा जंगली खाद्य पौधों का महत्व और ग्रामीण आजीविका वर्द्धन में जानकारी प्रदान की। हैप्रक से आए शोधार्थी डॉ0 प्रदीप डोभाल द्वारा बीज बोने और छोटे पौधों के प्रत्यारोपण के तरीकों के साथ बुवाई का समय और बीजों की देखभाल के साथ बीज के अति सूक्ष्म और कम भंडारण की अवधि के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। इसके पश्चात् डॉ0 अजय हेमदान द्वारा सीड डॉमेसी, विशेष रूप से चयनित एमएपी की डॉमेसी के प्राकृतिक संरक्षण और आजीविका के विकल्प के रूप में खेती की आवश्यकता के बारे में बताया गया तथा प्रसुप्ति के प्रकार व प्रसुप्ति को कैसे तोड़े के बारे में भी जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में तेजपात के प्रचार-प्रसार और वृक्षारोपण तकनीक के बारे में तथा कम ऊॅचाई वाले औषधीय एवं सुगंध पादपों केी खेती के लिए कृषि प्रौद्योगिकी पर शोधार्थी डॉ0 जयदेव चौहान द्वारा बताया गया।
डॉ0 घोष द्वारा एमएपी के उत्पादन के लिए मृदा पोषक तत्व प्रबंधन तकनीकों पर जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए डॉ0 पुनेठा द्वारा संरक्षित खेती जैसे-पॉलीहाउस, शैड नेट, मिनी पॉलीहाउस टनल, एलिवेटेड प्लांटस के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में फसल सुरक्षा (एकीकृत खरपतवार और कीट प्रबंधन) पर भी विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। इसके साथ ही एमएपी की कृषि तकनीकों का ऑनलाइन फील्ड प्रदर्शन भी कार्यक्रम में प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में औषधीय पौधों की विशिष्ट तकनीकों और एमएपी के लिए कटाई तकनीक तथा अच्छी फसल पद्धतियों के बारे में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम में आए सी0एल0एफ0 कार्यकर्ताओं द्वारा अपना अनुभव साझा किया गया तथा कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम से खेती को बढ़ावा मिलता है और संस्थान इस प्रकार के कार्यक्रम में उन्हें पुनः आमंत्रित करता रहे ताकि खेती की नई-नई तकनीकों से वह अपने क्षेत्र के लोगों और ग्रामवासियों को बता सके।
कार्यक्रम का समापन सी0एल0एफ0 कार्यकताओं को बागेश्वर स्थित सी0आई0एम0ए0पी (सी0एस0आई0आर0) के प्रदर्शन स्थल, हर्बल गार्डन भ्रमण तथा प्रमाण पत्र वितरण के साथ किया गया। कार्यक्रम में प्राचार्य रघुनाथ शर्मा, गिरीश चन्द्र त्रिपाठी, विजय, कमल किशोर टम्टा तथा दीवान सिंह आदि रहे।