अल्मोड़ा – गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केंद्र द्वारा दिनांक 20 सितम्बर 2023 को बागेश्वर जनपद के ग्राम कीपू में ‘’औषधीय पौधों का कृषिकरण एवं संरक्षण‘’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कृषकों को औषधीय पौधों के गुणों, महत्व और उनसे होने वाले आय से अवगत कराना है। कार्यशाला की शुरूआत करते हुए संस्थान के शोधार्थी बसन्त सिंह द्वारा कृषकों को कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया गया। तत्पश्चात संस्थान के वैज्ञानिक डा0 आशीष पाण्डे द्वारा संस्थान का परिचय देते हुए औषधीय पौधों की खेती तथा उनके सतत् उपयोग के बारे में कषकों को बताया। उन्होंने बताया कि कैसे औषधीय पौधों से बाजार में विभिन्न प्रकार की दवाईयॉ तथा उर्जा रूपी उत्पाद तैयार किये जा रहे है। अतः इनकी खेती करने से हम अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। आजकल अत्यधिक दोहन से विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटी भी लुप्त हो रही है। अतः हम औषधीय पौधों के कृषिकरण से इन पौधों का उपयोग भविष्य में कर सकते हैं जिससे इन्हें बचाया भी जा सकता है। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बी0एस0 गडिया ने ग्रामवासियों को औषधीय पौधों के बाजारीकरण तथा उसके निवारण विषय पर संक्षिप्त टिप्पणी की। कृषकों ने भी बताया कि औषधीय पौधों की कृषिकरण में उन्हें कैसे बाजारीकरण की कठनाई आ रही है। अन्त में डा0 आशीष पाण्डे ने इन समस्याओं से निपटने के समाधान दिये। कार्यक्रम समापन में बसन्त सिंह ने सभी कृषकों तथा ग्रामवासियों, प्रो0 सुनील नौटियाल, संस्थान निदेशक, डा0 आई0डी0 भट्ट, केन्द्र प्रमख जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र, डा0 आशीष पाण्डे, बी0एस0 गडिया का धन्यवाद किया। इस कार्यशाला में संस्थान के वैज्ञानिक डा0 आशीष पाण्डे, शोधार्थी बसन्त सिंह, सौरभ मेहरा सहित लगभग 40 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।