अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय परिसर में आयोजित पांच दिवसीय जीवन कौशल विकास एवं सामुदायिक पहुंच कार्यशाला के तीसरे दिवस शिक्षा संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो भीमा मनराल ने कहा कि जन सरोकारों की शिक्षा वर्तमान दौर का अहम हिस्सा है। इसलिए प्रशिक्षुओं को सामुदायिक जिम्मेदारी का पूर्ण कर्तव्यता के साथ निर्वहन करना चाहिए।
इससे पहले जीवन कौशल एवं सामुदायिक पहॅुच पर आयोजित कार्यशाला के तीसरे दिन शिक्षा संकाय की ओर से मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो मधुलता नयाय को पुष्प गुच्छ एवं मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। प्रो नयाल के द्वारा एमएड द्वितीय सेमेस्टर के प्रशिक्षुओं को कोपिंग विथ स्ट्रैस विषय पर विस्तृत रूप से बताया गया। जिसमें तनाव प्रबंधन की पहचान एवं बचाव करने के उपाय सुझाये गये। उन्होंने बताया कि छात्रों को तनाव से हमेशा बचना चाहिए। वे जीवन प्रभावशाली तरीके से बिता सकते हैं। कार्यशाला समन्वयक डाॅ ममता असवाल ने बताया कि जीवन कौशलों के विकास हेतु खुश रहना एवं सकारात्मक होना ही हर व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। साथ ही विभाग द्वारा गोद लिये गये खत्याड़ी गांव में नुक्कड़ नाटक द्वारा स्वच्छता रखने हेतु जागरूकता कार्यक्रम किया गया। उक्त कार्यक्रम में सरोज जोशी, ललिता रावत, मनोज कार्की, शोधार्थी मनदीप कुमार टम्टा एवं एमएड प्रशिक्षु मौजूद रहे।