अल्मोड़ा – भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती को सुशासन दिवस के रूप में प्रत्येक नगर, ब्लाक व बूथो पर बड़े धूमधाम से मनाया गया। भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में जिला अध्यक्ष रमेश बहूगूणा एवं जिला पदाधिकारी व मोर्चों के जिला अध्यक्ष, समस्त पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद कर पुष्प, मालाऐ उनकी तस्वीर पर अर्पित कर जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। अटल बिहारी वाजपेयी कि जयंती को सुशासन दिवस के रूप में एक विचार गोष्ठी अल्मोड़ा नगर पालिका परिषद के सभागार में आयोजित की गई। कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओ द्बारा प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के राजनैतिक,व सामाजिक जीवन पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम कि अध्यक्षता वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी एवं अटल बिहारी वाजपेयी जी के करीबी रहे रणजीत सिंह भण्डारी के नेतृत्व में किया गया, मंच पर , पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान, जिला अध्यक्ष रमेश बहूगूणा , पूर्व वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी बंशी लाल कक्कड़, नरेश वर्मा उपस्थित रहे मंच संचालन महामंत्री धर्मेन्द्र बिष्ट ने किया , मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष रमेश बहूगूणा ने अटल के राजनीतिक,व सामाजिक जीवन में ‌प्रकाश डाला , उन्होंने बताया कि उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्यप्रदेश में हुआ , उनके पिता कृष्णा बिहारी शिक्षक थे, तथा माता गृहणी थी, वो सात भाई ,बहन थे ,अटल जी हिन्दी कवि,,पत्रकार , साहित्यकार व एक प्रखर वक्ता थे ,वे राजनैतिक मामलों से समय निकाल कर संगीत सुनने का शौक पूरा करते थे, उनकी द्वारा लिखी बहुत सी कविताएं आज भी प्रसिद्ध है ,अटल जी कि वो 10 कविताएं जो पत्थर में भी जान फूंक सकती है, उनकी दो अनुभूतियां ,, कदम मिला कर चलना होगा, ओर , मैं न चुप हु न गाता हूं आज भी लोगो के दिल दिमाग में जिन्दा है। अटल बिहारी वाजपेई को याद कर बताया कि उनकी सरकार में बनी कल्याण कारी योजनाओं का लाभ आज भी लोगो को मिल रहा है , अटल जी आज भी समस्त भारत वासियों के दिल, दिमाग में अपनी सुशासन नीतियों,व कविताओं के जरिए जिन्दा है। सर्वतोमुखी विकास के लिए किये गये योगदान तथा असाधारण कार्यों के लिए 2015 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। वो देश के तीन बार के प्रधानमंत्री रहे वे तीसरी बार 1998 से 2004 तक 6 वषों तक प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने देश के लिए को ई महत्वपूर्ण कार्य किए। पोखरण परमाणु कार्यक्रम भी अटल बिहारी सरकार में हुआ चीन ने भारत पर दादागिरी दिखानी शुरू कर दी जिससे भारत को भी हाईटोजन बम बनाने का दबाव पड़ा , इसके बाद भारत ने सीक्रेट मिशन के तहत परमाणु बम बनाना शुरू किया और 11 मई 1998, में अटल सरकार ने हाईटोजन बम का सफल परीक्षण किया। भारत को परमाणु सम्पन्न देश बनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।कार्यक्रम में दुसरे वक्ता के रूप में पुर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान जी ने भी अटल बिहारी वाजपेई जी के राजनैतिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े अटल जी को पहली बार सफलता 1957 में मिली थी 1957 में जनसंघ ने उन्हें तीन लोकसभा सीटों लखनऊ, मथुरा, ओर बलराम पुर से चुनाव लड़वाया, पुर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई देश के एकमात्र ऐसे राजनेता थे। जो चार राज्यों के छः लोकसभा क्षेत्रों की नुमाइंदगी कर चुके हैं, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बलरामपुर, गुजरात के गांधी नगर , मध्यप्रदेश के ग्वालियर, ओर विदिशा व दिल्ली की न ई दिल्ली से संसदीय सीट से चुनाव जीतने वाले वाजपेयी इकलौते नेता हैं, वाजपेयी 1942 में उस वक्त राजनीति में आए जब भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उनके भाई 23 दिनों के लिए जेल गए ,1951 में आर एस एस के सहयोग से भारतीय जनसंघ पार्टी का गठन हुआ तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे नेताओं के साथ अटल बिहारी वाजपेयी की अहम भूमिका रही, सभी पदाधिकारियों, कार्यकताओं ने अटल जी के राजनीतिक, सामाजिक जीवन से रूबरू हुए। कार्यक्रम में उपस्थित जिला अध्यक्ष रमेश बहूगूणा, पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान, जिला उपाध्यक्ष कैलाश गूरुरानी, महामंत्री धर्मेन्द्र बिष्ट, वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी रणजीत सिंह भण्डारी, बंशी लाल कक्कड़, नरेश वर्मा, डा, रमेश चंद्र पांडे राजन जी, प्रदेश महिला मोर्चा उपाध्यक्ष किरन पंत, जिला उपाध्यक्ष मीना भैसोड़ा, जिला मंत्री महेश विष्ट, जिला मीडिया सह प्रभारी जगत तिवारी, नमो ऐप कृष्ण बहादुर सिंह, नगर महामंत्री मनोज जोशी, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष लीला बोरा, नगर अध्यक्ष भावना तिवारी, महामंत्री उषा शर्मा, तारा जिना, चम्पा पाण्डे, नेहा उप्रेती, रमा जोशी, पूर्व उपाध्यक्ष दर्शन रावत, आनन्द कनवाल, युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष चन्दन बहुगुणा, नमन गुरुरानी , दिनेश मठपाल, धर्मवीर आर्य, मुकुल कुमार, पियुष कुमार, आशीष गुरुरानी , मुस्तकीम, दीक्षांत पवार दीपक कपूर, रवि कुमार, अजय कुमार आदि हजारो कार्यकर्ता पदाधिकारि मोजूद रहे।