अल्मोड़ा – विश्वविद्यालय परिसर में 13 सूत्रीय मांगों को लेकर छात्रों और युवाओं का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। युवा नेता गोपाल भट्ट ने छात्रों के साथ मिलकर हाल ही में कुलपति को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही न होने के कारण छात्रों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
मांगों में अतिथि व्याख्याताओं व कर्मचारियों के मुद्दे शामिल
ज्ञापन में अतिथि व्याख्याताओं की सेवा स्थायित्व, समय पर मानदेय भुगतान, कर्मचारियों की सुविधाएं, नियमित भर्तियों को शुरू करने जैसी मांगों को प्रमुखता से उठाया गया। साथ ही छात्रों ने विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव कराने और प्रवेश परीक्षाओं के परिणाम समय पर घोषित करने की मांग रखी है।
पठन-पाठन की गुणवत्ता में गिरावट, बुनियादी सुविधाएं लापता
युवा नेता गोपाल भट्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय का पठन-पाठन स्तर दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है और प्रशासन केवल राजनीति चमकाने में व्यस्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि परिसर में न तो पर्याप्त पीने का पानी है, न ही स्वच्छता, न लैब की सुविधा और न ही लाइब्रेरी में किताबों की उपलब्धता—जो शिक्षा की मूलभूत ज़रूरतें हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन को दी चेतावनी
भट्ट ने स्पष्ट किया कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय रहते मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया, तो सभी छात्रों और कर्मचारियों के साथ मिलकर ज़ोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय की तमाम अनियमितताओं को सार्वजनिक रूप से उजागर किया जाएगा।
13 सूत्रीय मांगों को लेकर छात्रों और युवाओं में आक्रोश, प्रदर्शन की चेतावनी

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