अल्मोड़ा – पुलिस थाना सोमेश्वर द्वारा अभियुक्त हरेन्द्र सिंह मिराल के विरूद्ध ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी के साथ मार पीट के आरोप का मुकदमा प्रस्तुत करने पर माननीय सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदय के न्यायालय  वाद की कार्यवाही संस्थित हुई।
अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता आजाद खान ने प्रभावी पैरवी की ।
कि माननीय न्यायालय ने यह निष्कर्ष दिया कि दाण्डिक न्याय का यह सर्वमान्य सिद्धान्त है कि दोषसिद्धि के लिए अभियुक्त पर आरोपित अपराध को संदेह से परे साबित होना  अनिवार्य है तथा इस मामले मे समस्त साक्ष्यों का परिशीलन करने एवम बचाव पक्ष की दलील स्वीकार कर  माननीय  न्यायालय ने यह न्याय निर्णय दिया कि अभियोजन पक्ष अभियुक्त हरेन्द्र सिंह मिराल पर अधिरोपित आरोप को युक्तियुक्त संदेह से परे साबित करने में असफल रहा है।
इस कारण से  माननीय न्यायालय ने अभियुक्त को अंतर्गत धारा 332,353,504 आईपीसी के अंतर्गत दण्डनीय अपराध के आरोप से दोषमुक्त कर दिया है ।