गो, ब, पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल, अल्मोड़ा द्वारा वर्ष 2023-24 की तिमाही हिन्दी कार्यशाला का आयोजन महेश चन्द्र सती, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी तथा सदस्य, राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा किया गया। कार्यशाला का विषय “राजभाषा हिन्दी और हम” था। श्री सती ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कार्यशाला के विषय पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की और राजभाषा विभाग द्वारा जारी वार्षिक कलैंडर और इसके प्रयोग से सबको अवगत कराया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि भारतीय संविधान के अनुसार हिंदी को जो स्थान प्राप्त है उसको ध्यान में रखकर सरकारी कामकाज में हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करते हुए संस्थान में शोध संबंधी कार्यों को भी हिन्दी में करने की पद्धति को बढावा दिए जाने की और अधिक आवश्यकता है। श्री सती ने बताया कि हमें हिंदी पत्राचार के निर्धारित लक्ष्य 100 प्रतिशत को प्राप्त करने के लिए हमेशा प्रयास करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि हाल ही में संस्थान का राजभाषा विभाग दवारा राजभाषायी निरीक्षण किया गया था जिसमे हमारे संस्थान में हिन्दी के कामकाज की स्थिति सन्तोषजनक रही और विभाग प्रतिनिधि दद्वारा संस्थान की हिन्दी में कार्य हेतु प्रसंशा भी की गयी। उन्होंने संस्थान के हिन्दी के क्षेत्र में हो रहे कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने की अपील की जिससे इस तरह के राजभाषायी निरीक्षणों और समय समय पर विभाग को भेजी जाने वाली रिपोटों को बल मिल सके।

इस कार्यशाला के माध्यम से उन्होंने राजभाषा अधिनियम, 1963 (यथा संशोधित 1967) की धारा 3(3) के अन्तर्गत आने वाले दस्तावेजों, राजभाषा हिन्दी की उत्पति और स्थान, हिन्दी दिवस तथा विश्व हिन्दी दिवस को मनाए जाने का कारण, राजभाषा नियम, राजभाषा आयोग और पुरस्कार योजनाएं, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली, नराकास व राजभाषा विभाग में रजिस्ट्रेशन, विभिन्न क्षेत्रों के बीच पत्राचार, हिन्दी वर्तनी कार्यालयी हिन्दी कार्यालयों में उपयोग होने वाले विभिन्न पत्रों, कार्यालय आदेश, परिपत्र, टिप्पणी और कम्प्यूटर पर यूनिकोड का प्रयोग आदि की विस्तृत जानकारी भी दी। इस अवसर सभी उपस्थित प्रतिभागियों को हिन्दी में शोध सम्बन्धित कामकाज को बढ़ावा देने तथा हिन्दी में कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रोत्साहन करने के उद्देश्य से पुरस्कार योजना के बारे में भी जानकारी दी गई। इस कार्यशाला में संस्थान में कार्यरत लगभग 40 अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। इस कार्यशाला में संस्थान की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य ई. एम.एस. लोधी, डा. आशीष पाण्डे, डा. सुबोध ऐरी, सजीष कुमार एवं सूर्यकान्त आदि उपस्थित रहे।