भाकृअनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा कृषि के नवीनतम शोध एवं नवीनतम तकनीकी को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए संस्थान हमेशा ही प्रतिबद्ध है। इसी सन्दर्भ में संस्थान के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र हवालबाग में 26 दिसम्बर को किसान ड्रोन परियोजना के अंतर्गत ड्रोन प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अल्मोड़ा जिले के हवालबाग एवं ताकुला विकासखंड के 95 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में किसानों को योजना का परिचय दिया गया जिसमें संस्थान के निदेशक डॉ लक्ष्मीकान्त ने ड्रोन के पर्वतीय कृषि में उपयोग एवं इससे होने वाले लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पर्वतीय कृषि में ड्रोन का उपयोग श्रम न्यूनीकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है जो कि पर्वतीय युवाओं को कृषि में आकर्षित करेगा। ड्रोन द्वारा दवाओं एवं तरल उर्वरकों का छिडकाव बहुत ही कम समय और मेहनत से किया जा सकता है एवं फसलों की निगरानी भी की जा सकती है। इसके अतिरिक्त युवा किसान इसे एक रोजगार के साधन के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। युवा किसान ड्रोन पायलट ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षण प्राप्त कर लाइसेंस ले सकते हैं जिसके पश्चात ड्रोन खरीदने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती है, इस प्रकार युवा अपने जिले में ड्रोन एवं साथ में अन्य मशीनों के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र बनाकर रोजगार का सृजन कर सकते हैं। मौखिक जानकारी मिलने के पश्चात डॉ हितेश बिजारणिया द्वारा किसानों को प्रक्षेत्र में गेहूं की फसल में ड्रोन द्वारा छिड़काव का प्रदर्शन किया गया एवं ड्रोन परिचालन की तकनिकी जानकारी दी गयी। संस्थान के पांच वैज्ञानिकों एवम् अधिकारियों को विशेष रूप से उर्वरक एवं अन्य रसायनों के छिड़काव हेतु कृषि ड्रोन को संचालित करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है जिनका उपयोग नियमित रूप से विभिन्न स्थानों पर छिडकाव के प्रदर्शन के लिए किया जा रहा है एवं पर्वतीय किसानों को जागरूक किया जा रहा है।