शहर की वर्तमान स्थिति बहुत ही जर्जर नजर आ रही है। अल्मोड़ा शहर में जिधर भी देखा जाए वहां के मार्ग बुरी तरह खराब होते नजर आ रहे है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक मुहिम चलाई थी। जिसमें उन्होंने गड्ढा मुक्त सड़कों का वादा किया था, लेकिन लगता है अल्मोड़ा शहर के अधिकारियों को इस आदेश की कोई परवाह ही नहीं है, क्योंकि जिन मार्गों पर स्कूली बच्चे, बुजुर्ग व्यक्ति, आमजन नागरिक आवाजाही करते हैं। वह सभी मार्ग इस समय बुरी अवस्था में नजर आ रहे हैं। हां लेकिन जिस मार्ग पर माननीय मंत्रीगण या कहें मुख्यमंत्री स्वयं आया करते हैं उन सड़कों का की मरम्मत तो हो जाती है, लेकिन बाकी मार्ग सभी सालों साल जर्जर स्थिति में बने रहते हैं। हालत तो खराब देखने को तब मिलती है जब वर्तमान सरकार के होते हुए उनके भाजपा कार्यालय की सड़क जिस मार्ग को लेकर लोगों में बड़ा उत्साह बना हुआ था, कि भाजपा का जिला कार्यालय बनने से क्षेत्र का विकास होगा। अब देखने को मिल रहा है कि उस स्थान का विकास तो दूर, वहां की स्थिति और खराब नजर आ रही है। वहां का मार्ग जिसमें स्कूली बच्चे आया जाया करते हैं, उस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे व आधा मार्ग टूटा हुआ नजर आ रहा है। भाजपा सरकार के होते हुए भाजपा कार्यालय के मुख्य मार्ग का इस तरह जर्जर हो जाना क्या दर्शाता है यह तो स्वयं देख कर ही पता लग रहा है। इस समय यह मार्ग वाहन से ज्यादा पैदल चलने वालों के लिए खराब हो गया है। आखिर इस मार्ग को तोड़कर अलग अलग कार्य किए गए, जिसके लिए विभाग के द्वारा मार्ग तोड़ने के लिए पैसा लिया जाता है। लेकिन वह पैसा कभी भी उस मार्ग पर नहीं लग पाया। आखिर वो पैसा जाता कहां है? इसका दोषी कौन, आखिर कौन बताएगा?

इसी तरह शहर में जजी-विकास भवन-कलैक्ट्रेट मार्ग बदहाल अवस्था में है इस रोड में जगह जगह गढ्ढे हो गए हैं। वाहन चालकों विशेषकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह गढ्ढे परेशानी का कारण बने हुए हैं। आए दिन दोपहिया वाहन चालक इन गड्ढों की वजह से चोटिल हो रहे हैं। इसमें भी सबसे खराब स्थिति कलैक्ट्रेट के ठीक ऊपर स्थित मेडिकल कॉलेज तिराहे की है। इस स्थान पर एक सड़क मेडिकल कॉलेज एक स्यालीधार की ओर तो एक विकास भवन व कलैक्ट्रेट को जाती है। इस जगह पर एक काफी बड़ा गड्ढा है जिसे भरने के नाम पर उस पर निर्माण कार्य से निकले सिंमेंट पत्थर व ईंटों के बड़े बड़े टुकड़े डालकर उसके ऊपर मिट्टी बिछा दी गई है। जो कि दुपहिया वाहन चालकों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। इस जगह पर तीव्र मोड़ व ढलान भी है और किनारे पर रैलिंग भी नहीं हैं।

बरसात के मौसम के पहले यदि मार्गों का ऐसा हाल है तो आप सतर्क हो जाएं क्योंकि बरसातों के बाद सड़कें ज्यादा खस्ताहाल देखने को मिलती हैं। ऐसे में विभाग द्वारा समय रहते उचित कार्यवाही ना करना गंभीर विषय है।