अल्मोड़ा – रिट याचिका सं0-117पी0आई0एल0 / 2023 दिनांक- 26.07.2023 में पारित आदेश के क्रम में करबला से सिकुड़ा बैण्ड तक के मोटर मार्ग में किये जा रहे अतिक्रमण चिन्हीकरण के सम्बन्ध में पीड़ित परिवारों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। पीड़ितों की अगुवाई करते हुए वकील आजाद खान ने ज्ञापन में कहा है की समस्त निवासीगण (करबला से सैकड़ा वैण्ड) आपके संज्ञान में कुछ तथ्य लाना चाहते हैं तथा आग्रह करते हैं। कि पहाड़ कि विषम भोगोलिक परिस्थिति के अनुसार लो नि विभाग द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से मकानों में निशान लगा कर अतिक्रमण चिन्हीकरण की कार्यवाही लगभग 57 वर्ष पश्चात किया जाना न ही विधि सम्मत है न ही व्यवहारिक है। ज्ञापन में कहा है कि संदर्भित रिट याचिका में मा० न्यायालय द्वारा केवल राजकीय भूमि मे विधि संगत उपचार कर अतिक्रमण हटाने के आदेश पारित किये गये है। कि मा0 उच्च न्यायालय के उक्त आदेश के पालन में जिला स्तर से विधि सम्मत उपचार अर्थात रोड साईड लैण्ड कन्ट्रोल एक्ट के प्राविधानों के अनुसार विधि प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए किन्तु संबंधित अधिकारियों एवम कर्मचारियो द्वारा विधि के प्रविधानों के अनुसार कार्यवाही नहीं की जा रही है, यहां पर यह अवगत कराना भी आवश्यक है की माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने कई न्याय निर्णयों मे अतिक्रमण हटाने के नाम पर जबरन बल प्रयोग ना करने एवम विधि द्वारा निर्धारित प्रक्रिया (Due Process of Law) के तहत कार्यवाही करने के आदेश दिए है। इसके अतिरिक्त यह भी अवगत कराना है कि पर्वतीय व मैदानी की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग है, ऐसे में समान प्रक्रिया व्यवहारिक नहीं है यहां तक रोड साइड लेंड कंट्रोल एक्ट के तहत बनी नियमावली के नियम -09 में मैदानी क्षेत्रों मे भी शहरी क्षेत्र मे सड़क की चौड़ाई के मानक कम रखे गए है इस कारण से पर्वतीय क्षेत्र मे शहरी क्षेत्रों में सड़क चौड़ाई / निर्माण के मानक भी शिथिलता होनी चाहिए।
ज्ञापन में कहा है कि वर्तमान में विभाग द्वारा सड़क के ऊपर और नीचे की तरफ चिन्हीकरण किया गया है, पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुये वर्तमान में जो सड़क जिस स्वरूप में है, यथास्थिति बनाये रखी जानी जन हित एवम न्याय हित मे अत्यंत आवश्यक है अन्यथा पर्वतीय क्षेत्र की जनता को अत्यधिक परेशानी होगी।
ज्ञापन में कहा है कि इस प्रकार मनमाने तरीके से अतिक्रमण चिन्हित करने एवम तोड़ने से पलायन बढ़ेगा एवम आम जनता का आशियाना भी छिन जाएगा। करबला चौराहे से सैकड़ा बैण्ड, गोलना करड़िया तक सभी भवन जो सड़क किनारे हैं, उन भवनों को लोगों द्वारा ऋण व कर्ज लेकर बनाया गया है। इससे लगभग पच्चीस हजार लोग प्रभावित व वेघर हो रहे हैं। ज्ञापन में कहा है कि अतिक्रमण चिन्हित करने से पूर्व नियमानुसार परिसीमन की कार्यवाही नहीं की गयी, तथा मनमाने तरीके से अतिक्रमण चिन्हित करने के नाम से लोगों को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है THE RIGHT TO FAIR COMPENSATION AND TRANSPARENCY IN LAND ACQUISITION, REHABILITATION AND RESETTLEMENT ACT, 2013 के प्रविधानों के विपरीत मनमाने तरीके से अतिक्रमण चिन्हित किया जा रहा है। उपरोक्त तथ्यों के आलोक में हमारा विनम्र निवेदन है कि, मामले में वास्तविकता के दृष्टिगत उपरोक्तानुसार संदर्भित सड़क का सीमांकन वर्तमान स्वरूप में ही जिला मार्ग के रूप में व यथावत रखे जाने के आदेश प्रदान करने की कृपा की जाये तथा तदनुसार शासन पर्वतीय जनपदों के लिए एक व्यवहारिक ठोस नीति बनाए जाने के संबंध मे माननीय न्यायालय मे भी जनहित मे पक्ष रखने की कृपा की जाए।