अल्मोड़ा। आवारा पशुओं की समस्या से नगर की जनता को निजात नहीं मिल रही है। नगर पाqलिका ने इसी साल मार्च माह में 19 आवारा पशुओं को बाजपुर गौसदन भेज दिया था, वहीं अगस्त माह में 02 गौवंश को ज्योली गौसदन भेजा गया था। लेकिन नगर की सडकों पर आवारा, पालतू गौवंश की स्थिति जस की तस बनी हुई है। नगर की सडकों पर आवारा जानवरों ने डेरा डाल दिया है। आवारा जानवरों के कारण जहाँ एक ओर राहगीरों को खतरा बना हुआ है वहीं आए दिन यातायात भी प्रभावित हो रहा है। बता दें कि नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों द्वारा दूध देने में असक्षम गायों को छोड़ दिया जाता है तो वहीं कई पशुपालक अपने जानवरों को चरने के लिए छोड़ देते हैं जिसके बाद यह जानवर सड़कों पर इधर-उधर घूमते हुए सड़कों पर ही अपना डेरा डाल लेते हैं। आवारा घूम रहे जानवर अक्सर कूड़ेदान के पास नजर आया करते है। अल्मोड़ा नगर में इस समय बड़ी संख्या में आवारा जानवर घूम रहे हैं जिनमें से कई जानवरों के कान पर टैग भी लगे हुए हैं। कई बार सड़कों पर घूमने वाले जानवर राहगीरों पर भी हमला कर चुके हैं। नगर की मुख्य सड़क पर जानवर आने से कई बार सड़क पर जाम लग जाता है। समस्या को देखते हुए नगरपालिका ने मार्च 23 में 19 आवारा पशुओं को बाजपुर गौसदन और अगस्त माह में 02 जानवरों को ज्योली स्थित गौ सदन भेजा गया। वर्ष 2015 से वर्तमान तक पालिका द्वारा 205 मवेशी बाजपुर गौसदन भेजे जा चुके हैं। नगर में आवारा पशुओं की समस्या को पालिका सभासद पिछली बोर्ड बैठक में भी उठा चुके हैं व कई बार पालिका के समक्ष भी रखा है लेकिन नगर में आवारा पशुओं की समस्या कम नहीं हो रही है। अचंबे की बात ये है की विभाग टैग लगाना तो नहीं भूलता पर जब मालिक आवारा छोड़ता है तो विभाग इंतजार करता है की कोई लिखित शिकायत दे तो हम जागे। सभी विभागों में इस समय कमीशन बंधा हुआ है क्या इस समय भी विभाग के लोग ये कहते है की जब तक लिखित में नहीं आएगा तो कमीशन नहीं लिया गया?