चंपावत – आगामी 15 फरवरी से 15 जून तक होने वाले वनाग्नि काल के दौरान वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम एवं उसके उपाय प्रबंधन व रणनीति को लेकर मंगलवार को जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में जिले में वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु जनपद स्तर पर की गई पूर्व तैयारियां की जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि गत वर्षों में जिन जिन वन क्षेत्रों में वनाग्नि की घटनाएं घटित हुई हैं उन क्षेत्रों में पूर्व से ही वनाग्नि की घटनाओं को रोके जाने हेतु आवश्यक उपाय फायर लाइन का निर्माण,कंट्रोल बर्निंग आदि कार्यों के साथ ही क्षेत्र वासियों को जागरूक भी किया जाय। *जिलाधिकारी ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु जनजागरूकता एवं जन सहभागिता आवश्यकीय है* जिले के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में आम जन को वनाग्नि सुरक्षा हेतु जागरूक किया जाय। सभी सरपंच की विकास खण्ड स्तर पर कार्यशाला आयोजित करें। ग्रामीण स्तर पर युयक व महिला मंगल दलों स्वयं सेवकों आदि को प्रशिक्षण देने के साथ ही ग्रामीण स्तर पर सभी वनाग्नि की रोकथाम व वनाग्नि के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देते हुए जागरूक करें। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों या स्वयं सेवकों द्वारा वनाग्नि की रोकथाम में विशेष सहयोग किया जाएगा उन्हें सम्मानित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु सभी तहसील क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन विभाग के वाहनों को उपलब्ध कराया जाएगा जिनका उपयोग वन विभाग द्वारा किया जाएगा। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। तथा इस हेतु फील्ड स्तर पर कार्यरत अधिकारियों व कार्मिकों के साथ बैठक भी कर लें। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वह प्रत्येक 15 दिन में सभी खण्ड विकास अधिकारियों ग्राम स्तर पर तैनात सभी कार्मिकों स्वयं सेवी संस्थाओं आदि के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वनाग्नि से संबंधित समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु विभिन्न धर्मों से जुड़े गुरुओं प्रमुख समाज सेवियों से भी जागरूक संदेश प्रसारित करें। इस हेतु स्वीप प्रचार वाहन का उपयोग कर प्रचार प्रसार किया जाय। उन्होंने कहा कि खण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर गठित सभी वनाग्नि समितियों का गठन कर उन्हें सक्रिय किया जाय।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी आर सी काण्डपाल ने अवगत कराया कि वनाग्नि की रोकथाम हेतु वर्तमान में जिले में फायर लाईन का निर्माण एवं सफाई के साथ ही कंट्रोल बर्निंग का कार्य किया जा रहा है। आम जन को वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम एवं उससे होने वाले नुकशान की जानकारी हेतु 250 गांवों में कठपुतली नृत्य एवं गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त अग्नि सुरक्षा सप्ताह का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने अवगत कराया कि *जिले में वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम हेतु कुल 68 क्रू स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इस कार्य में 146 नियमित तथा 40 दैनिक कर्मी कार्य करेंगे। संचार सुविधा हेतु 70 वायरलैस सेट विभाग के पास उपलब्ध है। जिला मुख्यालय में कंट्रोल रूम भी तैयार किया गया है जो 24 घंटे खुला रहेगा,जिसका नंबर 05965-230180 है*। उन्होंने अवगत कराया कि गत वर्ष जिले में कुल 80 वनाग्नि की घटनाएं हुई।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आर एस रावत,पुलिस क्षेत्राधिकारी वी एस कुटियाल,सीवीओ पी एस भंडारी,उप खण्ड अधिकारी वन नेहा चौधरी, अग्निसमन अधिकारी एस बी थापा, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।