बग्वालीपोखर। यहाँ शनिवार को पोखरम का आठवां होली महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। शनिवार की दोपहर से अगली सुबह पौ फटने तक विविध रागों से सजी कुमाऊँ की बैठकी होली से पोखरम संस्थान गुंजायमान हो उठा।
समाजसेवी मोहन सिंह बिष्ट, प्रख्यात होली गायक प्रभात गंगोला, आर्मी पब्लिक स्कूल रानीखेत के प्रधानाचार्य कमलेश जोशी, के.सी. त्रिपाठी एवं राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करते हुए कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। दीप प्रज्ज्वलन के बाद पोखरम संस्थान के निदेशक त्रिभुवन सिंह बिष्ट द्वारा अतिथि कलाकारों का परिचय कराया गया। परिचय सत्र के बाद क्लाशिकल बैठक होली का गायन शुरू हुआ।

उसके बाद पोखरम संस्थान द्वारा *अनिल सनवाल* और *कमल जोशी* को वर्ष 2023 का *पोखरम होली महोत्सव सम्मान* से सम्मानित किया।

बैठकी होली गायन की यह परंपरा कुमाऊँ में काफी समृद्ध रही है। इसी परंपरा का निर्वहन पिछले आठ वर्षों से पोखरम संस्थान भी करता आ रहा है। दूर-दूर से आये शास्त्रीय संगीत के प्रखर होली गायकों ने रातभर विभिन्न रागों पर आधारित होली गाकर समा बांध दिया। होली गायकी की शुरुआत करते हुए प्रभात गंगोला ने राग भीम प्लासी पर आधारित बन्दिश *मारो न मारो पिचकारी…* गाकर समा बांध दिया।

इस महोत्सव में राग धमार, राग काफी, राग जंगला काफी, राग परज, राग बागेश्री, राग सहाना, राग विहाग, राग खम्माज, राग पीलू, राग देश आदि रागों से युक्त गीत गाये गए।

मुकुल कुमार ने राग काफ़ी में *नथुली में उलझे बाल, सिपहिया काहे जुल्फें बढ़ाये..*, अनिल सनवाल ने राग सहाना में *मुहब्बत में सारा जहाँ खिल रहा है..*, संदीप गोरख ने श्याम कल्याण में *कोठे से उतर अंगना में खड़ी..* अमर नाथ भट्ट ने राग भैरवी में *पैयां पणु में तेरे..* और अन्य कलाकारों ने भी विभिन्न रागों पर आधारित होली गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में मुबारकबाद गाकर सभी होल्यारों ने अगले वर्ष फिर मिलने का वादा किया।

इस कार्यक्रम में कमल जोशी, गौरव कुमार, प्रमोद कुमार, कैलाश पांडे आदि ने तबले में संगत की। प्रसिद्ध यूट्यूबर पवन पहाड़ी, संस्कृति कर्मी हेम पंत ने ने कार्यक्रम में पधार कर कार्यक्रम की रोचकता बधाई।

पोखरम के निदेशक त्रिभुवन बिष्ट ने होली महोत्सव में पधारे सभी होली गायकों और स्रोताओं का आभार व्यक्त करते उन्हें पोखरम और होली महोत्सव से जुडी आगामी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। डॉ. दीपक मेहता ने मंच के पीछे से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संतोष बिष्ट ने किया।