अल्मोड़ा – सोबन सिंह जीना परिसर में वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा ग्रीन ऑडिट , राष्ट्रीय सेवा योजना, हरेला पीठ के सहयोग से गणित विभाग से लेकर कैंटीन तक परिसर में स्थापित शौर्य दीवार में अंकित वीर शहीदों की याद में पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जगत सिंह बिष्ट, परिसर निदेशक प्रो प्रवीण सिंह बिष्ट, संकायाध्यक्ष-विज्ञान प्रो जया उप्रेती, वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ धनी आर्या, हरेला पीठ निदेशक डॉ प्रीति आर्या, राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ देवेंद्र धामी, ग्रीन ऑडिट डॉ बलवंत कुमार आदि के साथ ट्री गार्ड प्रदान करने वाले शिक्षकों/ छात्रों ने पौधों का रोपण किया।
वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक डॉ धनी आर्या ने बताया कि अमरूद, तेजपत्ता, सुरई, बाज, क्वेराल, बुरांश, मलता, दाड़िम, तिमिल, तेजपत्ता आदि को रोपकर विश्वविद्यालय/परिसर के अधिकारियों, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं द्वारा दिये गए ट्री गार्ड लगाकर पौधों को सुरक्षा दी गयी। साथ ही प्रत्येक पौधे को सुरक्षा देने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम अपराह्न 2 बजे से शुरू हुआ। शौर्य दीवार में अंकित वीर शहीदों की याद में आयोजित इस कार्यक्रम में परिसर के आस-पास वृक्षारोपण किया गया।
इससे पूर्व राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ देवेंद्र धामी के संयोजन और इंजी रवींद्रनाथ पाठक, डॉ रवींद्र कुमार के सहयोग से राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने झाड़ियों का कटान कर पौधरोपण हेतु गड्ढे निर्मित किये।
पौधरोपण कार्यक्रम में प्रो हरीश जोशी, प्रो बीडीएस नेगी,डॉ प्रीति आर्या(निदेशक,हरेला पीठ),डॉ बलवंत कुमार (निदेशक, ग्रीन ऑडिट), डॉ तेजपाल सिंह, डॉ नंदन बिष्ट, डॉ.मंजुलता उपाध्याय, डॉ रवींद्र कुमार,डॉ प्रतिभा फुलोरिया, डॉ मनोज बिष्ट, डॉ नवीन चन्द्र, डॉ दीपा कांडपाल,डॉ पवन जोशी, डॉ बी सी एस चौहान, प्रमोद भट्ट, सागर रौतेला,मुक्ता मर्तोलिया, सुरेंद्र नेगी, वैयक्तिक सहायक विपिन जोशी, डॉ गिरिजाशंकर पांडे,डॉ प्रमेश टम्टा, केवलानंद पाठक, सुनील कुमार, रमेश कुमार, अर्चना कांडपाल, पूजा नेगी, सीमा, भावना पांडे, हिमानी तिवारी, डॉ ललित जोशी आदि के साथ छात्र संघ के पदाधिकारी, छात्र प्रतिनिधि, वनस्पति एवं गणित विभाग के विद्यार्थी, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवी उपस्थित रहे।
विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, ट्री गार्ड प्रदान करने वाले शिक्षकों के साथ काफी संख्या में शिक्षक, छात्र एवं कर्मचारी शामिल हुए।