अल्मोड़ा – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व दुर्गा सिंह रावत, जिन्होंने आजादी के लिए तहसीलदार के पद से त्यागपत्र देकर देश को आजादी दिलाने का काम किया था। सन 1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन में भाग लेने के लिए इन्हे आठ माह की सख्त कैद की सजा हुई थी और इसी दौरान इन्हे नजर बंद भी रखा गया था । देश के ऐसे सपूतों को जितना भी सम्मान दिया जाए वो कम है , शायद ऐसी ही किसी मंशा से शहीदो / सेनानिओं की स्मृतियों में पार्को का निर्माण किया जाता है। किन्तु यदि इनका रख रखाव न हो तो ऐसे में ये एक सोचनीय विषय है।
ज्ञात हो की नारायण तिवाड़ी देवाल अल्मोड़ा से कसार देवी को जाते मार्ग में एक पार्क का निर्माण किया गया है। ये पार्क स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व दुर्गा सिंह रावत की स्मृति में बनाया गया था। जिसमे स्व दुर्गा सिंह रावत की मूर्ति भी स्थापित की गई थी। अत्यंत खेद का विषय है प्रशासन द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की याद में पार्क का निर्माण तो कर दिया गया पर विगत 2 माह से पार्क की हालत बद से बद्तर हो गई है और कोई सुध लेने वाला नजर नहीं आ रहा है।
सरकारी विभाग का कार्य केवल एक पार्क का निर्माण करके अपनी जिम्मेदारी पूरी करने तक का काम था जो सामने नज़र आ रहा है। गौर करने वाली बात है कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के दिन भी इस पार्क की जर्जर स्थति को नजर अंदाज कर दिया गया। आस पास के लोगों की मानें तो दो माह से ऊपर हो गया है इस पार्क की दिवार को टूटे हुए परन्तु अब तक कोई भी कदम प्रशासन द्वारा नहीं उठाया गया है। पार्क अभी भी बदहाल स्थिति में बना हुआ है। देखें कि आखिर कब तक सुनवाई हो पाएगी और इस पार्क की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का कार्य हो पाएगा।