गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी कटारमल, अल्मोड़ा ने कल दिनांक 9 जनवरी 2023 को देहरादून में संवाद कार्यक्रम श्रंखला के ग्यारहवे सत्र के अंतर्गत एक कार्यक्रम में प्रतिभाग किया जिसमें उत्तराखंड राज्य को पारिस्थितिक और आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने, जोशीमठ जैसी आपदाओं को समझने और कम करने तथा चम्पावत एक आदर्श जिला योजना पर कार्य करने पर चर्चा की गयी. कार्यक्रम में केंद्र सरकार के अनुसंधान संस्थानों के प्रमुख प्रतिनिध शामल थे. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में एवं मुख्य साधव, साचव- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भारत सरकार की उपस्थिति में अन्न विषयों पर गहन विचार प्रमर्श किया गया.

गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान ने इसमें अपनी साक्रय भूमिका निभाई और अपनी बहु- अनुशासनात्मक प्रशेषज्ञता के साथ इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में चिंता व्यक्त की । कार्यक्रम के दौरान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० जे०सी० कुनियाल ने संस्थान के उद्देश्यों तथा संस्थान द्वारा पुरे हिमालयी क्षेत्र में कये जा रहे शोध एवं विकास कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने संस्थान के चारों केन्द्रों के कार्यों के बारे में बताया. उन्होंने कहा क संस्थान सम्पूर्ण उत्तराखंड का एनवायरनमेंट प्लान तैयार कर रहा है तथा चपावत- एक आदर्श जिला योजना पर भी कार्य कर रहा है. उन्होंने बताया एक वर्तमान में जोशीमठ की वतर्मान स्थिति को देखते हुए संस्थान के वैज्ञानिकों का एक दल जोशीमठ के इकोलॉजिकल एवं एनवायर्नमेंटल असेसमेंट हेतु वहां पहुँच चुका है। तथा 12 जनवरी को वह स्वयं वहां जा कर स्थिति का आंकलन करेंगे. असेसमेंट के उपरांत रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जायेगी।

इस कार्यक्रम में फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट, देहरादून, सर्वे ऑफ इंडिया, साइल एंड वाटर रिसर्च इंस्टिट्यूट, वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, अखल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश बोटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया तथा गोवन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान सहित कुल 22 केंद्र सरकार के अनुसंधान संस्थानों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी ने सभी का आभार प्रकट किया तथा राज्य सरकार के साथ मलकर काम करने के लिए संस्थान को धन्यवाद दिया।