दिनाक 25.4.2022 को पुलिस पार्टी के द्वारा चैकिंग के दौरान दो मोटरसाईकिलों को रोका गया था जिन में दो-दो व्यक्ति सवार थे और दोनों ही मोटरसाईकिल के चालक अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गये थे। जिस मोटरसाईकिल को वर्तमान अभियुक्त चला रहा था और मौके से फरार हो गया था, उस मोटरसाईकिल के पीछे सवार व्यक्ति से 11.950 किलोग्राम अवैध गाँजा बरामद हुआ था। सह-अभियुक्त सचिन यादव के बयानों के आधार पर वर्तमान अभियुक्त का नाम प्रकाश में आया था। मामले के तथ्यानुसार दिनांक 25.4.2022 को समय 4.09 बजे गुलार तिराहे से 200 मीटर सराईखेत की तरफ जब थाना सल्ट के पुलिसकर्मी चैंकिग और रोकथाम जुर्म जरायम हेतु गश्त पर थे तो दौराने गश्त दो मोटरसाईकिल आती हुई दिखाई दी। उक्त वाहनों को रोककर लाइट दिखाकर रूकने का ईशारा किया तो उन पर सवार व्यक्ति भागने लगे। दोनों मोटरसाईकिल के चालक पीछे बैठी सवारियों को छोडकर अन्धेरे में भागने लगे और फरार हो गये। मोटरसाईकिल पर पीछे सवार व्यक्ति अरविन्द कुमार शर्मा और फईम ने पूछताछ में भागने वाले व्यक्तियों में से एक का नाम सचिन यादव पुत्र रामप्रसाद यादव निवासी बारखेड़ा थाना टाण्डा बादली जिला रामपुर बताया और दूसरे भागे व्यक्ति का नाम ज्ञात न होना व फौजी का भाई के नाम से बुलाया जाना व ग्राम भगतमा, थाना भगतपुर जिला मुरादाबाद का निवासी होना बताया।  अभियुक्त शमशुद्दीन के भाई इदरीश द्वारा शपथपत्र 9ख प्रस्तुत कर यह कहा है कि उसके परिवार में कोई भी फौज में नहीं है और किसी भी व्यक्ति का उपनाम फौजी नहीं है।
अभियुक्त  के मौके पर पकड़े न जाने, अभियुक्त का नाम फौजी का भाई ग्राम भगतमा मौके पर पकड़े अभियुक्तगण द्वारा बताये जाने, अभियुक्त के गाँव का नाम भदगवां होने, भागे हुये अन्य सह-अभियुक्त सचिन यादव की जमानत पूर्व में स्वीकार हो जाने और अभियुक्त के दिनांक 1.2.2024 से न्यायिक हिरासत में होने आदि के तथ्यों को दृष्टि में रखते हुये मामले के गुणावगुण पर कोई विचार व्यक्त किये बिना अभियुक्त को इस स्तर पर जमानत पर रिहा किया जाना उचित प्रतीत होता है। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने योग्य है। इस मामले को लेकर अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता कृष्ण चन्द्र एवं नवल जोशी ने  अभियुक्त का पक्ष रखा जिसको सुनकर माननीय न्यायालय ने अभियुक्त शमशुद्दीन का जमानत  स्वीकार किया।

                                 आदेश

प्रार्थी / अभियुक्त शमशुद्दीन का जमानत प्रार्थनापत्र संख्या 11 वर्ष 2024 स्वीकार किया जाता है तथा अभियुक्त को रूपये 30,000/- ( तीस हजार) का एक व्यक्तिगत बन्धपत्र तथा समान राशि के दो प्रतिभू न्यायालय में दाखिल करने पर जमानत पर रिहा किया जाता है।