अल्मोड़ा- संस्कार भारती अखिल भारतीय कला एवं साहित्य को समर्पित संस्था के उत्तराखंड प्रांत की प्रबंधकारिणी बैठक एवं दो दिवसीय प्रांतीय साधारण सभा का आयोजन किया गया। जिसमें संस्कार राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दायित्व धारकों द्वारा भारतीय सौन्दर्य कुंमाऊं की दृश्यकला के विशेष संदर्भ मे  प्रोफेसर डा. सोनू द्विवेदी शिवानी संकायाध्यक्ष दृश्यकला संकाय सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा चित्रकला संयोजक संस्कार भारती उत्तराखंड प्रांत द्वारा लिखित पुस्तक का भव्य विमोचन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संस्कार भारती / केंद्रीय अधिकारी बांकेलाल गौड़, संस्कार भारती  सुबोध कुमार शर्मा राष्ट्रीय सहकोषाध्यक्ष , संस्कार भारती  देवेंद्र सिंह रावत क्षेत्र प्रमुख पश्चिम उत्तर प्रदेश उत्तराखंड, संस्कार भारती, सविता कपूर प्रांत अध्यक्ष, डॉ गिरीश चंद्र शर्मा प्रांत कार्यकारी अध्यक्ष , प्रभाकर सारस्वत प्रांत उपाध्यक्ष, पंकज अग्रवाल प्रांत महामंत्री अभिषेक पाठक प्रांत कोषाध्यक्ष द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। उत्तराखंड प्रांत की प्रबंधकारिणी बैठक एवं दो दिवसीय प्रांतीय साधारण सभा के  उद्घाटन सत्र में मां भारती के एवं भारतीय कला प्रतीक नटराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन,मल्यार्पण, पुष्पांजलि तथा संगीत विधा के बलिका कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मनोहारी सरस्वती वंदना तथा ध्येय गीत के पश्चात किया गया। पुस्तक के बारे मे बताते हुए लेखिका प्रोफेसर डा. सोनू द्विवेदी शिवानी ने कहा कि रस, ध्वनि, अलंकार, औचित्य आदि सिद्धांत का प्रतिपादन कर भारतीय मनीषियों ने ही सर्वप्रथम विश्व को आत्मिक आनंदमय, मनोहर, रमणीय, रम्य, मनोहारी आलौकिक सौन्दर्य के अति गूढ़ भावों से परिचित कराया है। उन्होंने ने कहा कि पुस्तक सामान्य हिन्दी भाषा मे लिखी गई है जिससे भारतीय सौन्दर्य की उपादेयता एवं वर्तमान में उसके बढ़ते महत्व के संदर्भ मे कला और साहित्य के युवा वर्ग परिचित हो सके उन्होंने ने बताया कि उत्तराखंड संस्कृति विभाग के संस्तुति और सहयोग से इस का प्रकाशन होना गौरवपूर्ण है। इस अवसर पर सभागार में उपस्थित समस्त अतिथि सदस्यों ने इस उपलब्धि हेतु बधाई पुस्तक पर हस्ताक्षर करते हुए प्रेषित की।बांकेलाल गौड़ ने पुस्तक रचना हेतु बधाई देते हुए कहा कि संस्कार भारती का ध्येय है। भारतीय कलासम्पदा का  निरंतर प्रसार और संरक्षण लेखिका ने इस उद्देश्य की पूर्ति की दिशा मे सार्थक प्रशंसनीय प्रयास किया है। उन्होंने आगे कहा कि संस्कार भारती में दायित्व है पद नहीं, दायित्व में जिम्मेदारी होती है अपने दायित्व का निष्ठा से निर्वाह करने वाला व्यक्ति सदैव युवा ऊर्जा से भरपूर होता है। सेवाभाव से ही मेरी आज भी बनी हुई है उन्होंने कहा कि कलाकार देव रूप है उसका मान-सम्मान सहयोग यही संस्कार भारती का ध्येय है। इस अवसर पर देवेंद्र रावत ने बधाई देते हुए कहा कि प्रो सोनू शिवानी संस्कार भारती की विद्यार्थी जीवन से एक समर्पित सदस्य रही है। इनकी पुस्तक मे भारतीय कला और सौन्दर्य के साथ ही उत्तराखंड की कला मे सौन्दर्य की विशेष विवेचना प्रस्तुत करना इनके स्थानीय कला के प्रति सम्मान भाव एवं उच्च रचनात्मक संस्कार को प्रस्तुत करता है।उन्होंने कहा कि हम सबके जीवन का उद्देश्य अपनी कला प्रतिभा के अनुसार अनुशासित होकर सदैव जन सेवारत  रहना है जिस हेतु सभी सदस्य को स्वर्ण  का पात्र बनना होगा। यही संगठन का उद्देश्य है। उन्होंने वर्ग और समूह के क्रम मे प्रतिभानुरूप निःस्वार्थ दायित्व निर्वहन का उपस्थित समस्त दायित्वधारक एवं सदस्यों को निर्देशित किया।इस अवसर पर सुबोध शर्मा ने भारतीय कला के लिए ऐसे तथ्यपरक युवा मस्तिष्क की समझ तक ले जाने वाले सहज रचना को आवश्यक और वर्तमान मे अति महत्वपूर्ण बताते हुए आगे भी ऐसे सृजन हेतु आशा व्यक्त की। पंडित शशांक भारद्वाज ‘कथा व्यास’ ने कहा कि भारतीय महाकाव्य, वेद पुराण, उपनिषद सभी कला सौन्दर्य के प्रतिमानों से समृद्ध है। इस पुस्तक के माध्यम से निःसंदेह कलाप्रेमी युवावर्ग उससे परिचित हो सकेगा। गिरीश चन्द्र शर्मा ने कहा कि भारतीय कला क्षेत्र मे इस तरह के लेखन की नितांत आवश्यकता है। इस अवसर पर सविता कपूर ने पुस्तक को भारतीय कला एवं उत्तराखंड की कला के लिए महत्वपूर्ण बताया उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय कला संस्कृति के गौरवपूर्ण तथ्यो को उजागर करने हेतु अनेकों उल्लेखनीय कार्यक्रम बना रही है जिस पर सभी को अपनी विधा के अनुरूप कार्यक्रम आयोजित करने और उससे युवाओं को जोड़ने का कार्य करना है। पंकज अग्रवाल ने पुस्तक मे प्रस्तुत विषय की सराहना करते हुए कहा कि संस्कार भारती के कला साधकों की रचनात्मकता बढ़ाने में यह पुस्तक अत्यंत  प्रेरणादायक सिद्ध होगा। अभिषेक पाठक ने इसे कला जगत में बहुमूल्य प्रकाशन बताया और बधाई दी। साथ ही सभा मे उपस्थित समस्त उत्तराखंड प्रांत  महानगर, नगर एवं जिला इकाई के समस्त विद्या संयोजकों और कलासाधकों ने भारतीय कला एवं सौन्दर्य पर प्रकाशित इस कालजयी रचना हेतु पुस्तक प्रति पर हस्ताक्षर सहित साधुवाद और बधाई  दी। इस सभा में दूसरे दिन भारत सरकार द्वारा निर्देशित सामाजिक समरसता विषय को जन-जन तक ले जाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर संस्कार भारती द्वारा समस्त प्रांत के विधा संयोजक को  कार्यक्रम आयोजित करने हेतु प्राप्त दिशा निर्देश को  साहित्य विधा संयोजक रामकुमार एवं चित्रकला विधा संयोजक प्रोफेसर सोनू द्विवेदी शिवानी द्वारा विस्तार से सदस्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि समरसता अर्थात सर्वजन समभाव सर्वहित ही हमारा स्वहित है ऐसे भाव को अपनी विधा की  प्रस्तुति द्वारा समाज मे जाग्रत करना ही समरसता  का मूल भाव ध्येय है। इसके पश्चात  देवेंद्र रावत द्वारा समस्त विधा संयोजकों एवं सदस्यों को समरसता विषय पर कार्य की रुपरेखा बारीकी से समझाई गयी तथा केन्द्रीय टोली के निर्देशानुसार प्रांत से उत्कृष्ट कार्य करने की अपेक्षा की गयी। दो दिवसीय प्रांतीय साधारण सभा में संस्कार भारती इकाई देहरादून के युवा चित्रकारो ने आन द स्पाट व्यक्ति चित्र बनाकर अतिथियों को भेंट किया एवं उनके द्वारा बनाये सुन्दर चित्रों की एवं  उत्तराखंड कुमाऊँ की लोकचित्रकला ऐपण की प्रर्दशनी मे स्थानीय चित्रकार की प्रस्तुति उल्लेखनीय रही जिसकी अतिथियों सहित समस्त दर्शकों ने अत्यंत सराहना की।