देहरादून-विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों के विगत कई दिनों से विधानसभा के बाहर चल रहे धरने को उत्तराखण्ड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने आज पुनः धरनास्थल पर पहुंच कर अपना समर्थन दिया तथा प्रदेश सरकार एवं विधानसभा अध्यक्ष से मांग की कि इन कर्मचारियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सरकार इनकी सेवाएं बहाल करे।धरने को सम्बोधित करते हुए श्री कर्नाटक ने कहा कि आज विधानसभा से बर्खास्त सैकड़ों कर्मचारियों के परिवार भूखे मरने की नौबत में आ गये हैं।बर्खास्त कर्मियों एवं उनके आश्रितों का भविष्य अंधकारमय प्रतीत हो रहा है।उन्होंने कहा कि विधानसभा से बर्खास्त प्रत्येक कर्मचारी अपनी लगभग सात साल से अधिक की सेवाएं विधानसभा में दे चुका है और आज उम्र के इस पड़ाव में खड़ा है कि रोजगार आवेदन के लिए उसकी आयु सीमा भी निकल चुकी है।ऐसे में बर्खास्तगी की तलवार से बेरोजगार हुए ये कर्मचारी,इनकी पत्नी एवं बच्चे आज बेहद मानसिक एवं आर्थिक कष्ट में हैं।कर्मचारियों की बर्खास्तगी का बेहद बुरा असर इनके बच्चों के भविष्य पर भी पड़ रहा है।ऐसे में प्रदेश सरकार/विधानसभा अध्यक्ष ने मानवीय एवं इंसानियत पूर्ण दृष्टिकोण अपनाना चाहिए एवं बर्खास्त कर्मचारियों को उनकी सेवाओं पर वापस रखना चाहिए।श्री कर्नाटक ने कहा कि इस बर्खास्तगी से दो सौ पचास परिवारों का भविष्य अंधकारमय हो गया है जो बेहद दुखद है।उन्होंने कहा कि इस कड़ाके की सर्दी में विवश होकर आज विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारी सड़क किनारे धरना देने के लिए मजबूर हैं जो कि काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।आज सरकार को जरूरत है इन लोगों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जिससे कि इन सैकड़ों लोगों का भविष्य सुरक्षित रह सके।