1100 कन्याओं का पूजन एवं मां राजेश्वरी का अभिषेक कर प्रदेश की समृद्धि की कामना
अल्मोड़ा — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा स्थित डोल आश्रम पहुंचकर श्री कल्याणिका हिमालय देवस्थानम न्यास द्वारा आयोजित श्री पीठम स्थापना महोत्सव में भाग लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 1100 कन्याओं का पूजन, मां राजेश्वरी का अभिषेक तथा पूजा-अर्चना कर देश व प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है और हमारे सुरक्षाबलों ने हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया है।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि डोल आश्रम में आकर उन्हें सदैव दिव्य ऊर्जा का अनुभव होता है। उन्होंने आश्रम में बाबा कल्याणदास जी द्वारा स्थापित श्रीयंत्र की महत्ता बताते हुए कहा कि भविष्य में यह आश्रम अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध होगा। उन्होंने बुद्ध पूर्णिमा की बधाई दी और महात्मा बुद्ध के शांति, अहिंसा व धर्म के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मानसखंड माला मिशन के माध्यम से सभी मंदिरों को अवस्थापना सुविधाओं से जोड़ रही है जिससे आध्यात्मिक पर्यटन को बल मिल रहा है। उन्होंने डोल आश्रम को धर्म, आध्यात्म, संस्कृति व शिक्षा का अद्वितीय केंद्र बताते हुए कहा कि यह आश्रम भारतीय संस्कृति की सजीव मिसाल है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड नए विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून, लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसी साजिशों पर सख्त कार्रवाई की है और अपराधियों को जेल भेजा है। साथ ही समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना है।
मुख्यमंत्री ने सख्त नकल विरोधी कानून का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे युवाओं को निष्पक्ष अवसर मिले हैं और हर जिले के अभ्यर्थी चयन सूची में स्थान प्राप्त कर रहे हैं।
कार्यक्रम में बाबा कल्याणदास जी महाराज ने कहा कि समाज को व्यसनों से मुक्त कर आध्यात्म अपनाना होगा। उन्होंने संस्कृत को जीवित रखने पर बल देते हुए कहा कि जब तक संस्कृत हृदय में जीवित है, भारतीयता को कोई खतरा नहीं।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, विधायक मोहन सिंह मेहरा, भाजपा जिलाध्यक्ष महेश नयाल, डीएम आलोक कुमार पांडेय, एसएसपी देवेंद्र पिंचा, सीडीओ दिवेश शासनी, अन्य अधिकारी, अखाड़ों के महंत, जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन स्वामी विश्वेश्वर नंद महाराज ने किया।