नगर पालिका सभागार में भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव मनाया गया, धार्मिक मान्यता के अनुसार परशुराम जी का जन्म वैशाख माह की तृतीय के दिन हुआ था जिसे अक्षयतृतीया के रूप में मनाया जाता है, भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है, इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि भगवान परशुराम के प्रमुख शिष्यों में गुरु द्रोणाचार्य के अलावा । भीष्म , व दानवीर कर्ण भी शामिल रहे , कुछ लोगो द्वारा भगवान परशुराम पर जातीय आक्षेप लगाना समाज मे फूट डालने के अलावा कुछ नही है । परशुराम ने अराजकता को दूर करते हुवे पृथ्वी को सभ्य समाज के रहने लायक बनाया वक्ताओं ने कहा कि परशुराम भगवान राम के भी बन्दनीय थे । वे सभी लोग जो चेतनशील है उन्हे एकजुट होना चाहिये ताकि अज्ञान अन्याय व अत्याचार के प्रतिकार के लिये एकजुट हो सके,
इस अवसर पर ब्राह्मण महासभा के नगर अध्यक्ष वैभव जोशी जी ने भगवान परशुराम की जीवनी तथा , डॉ जे सी दुर्गापाल जी मे अक्षय तृतीया के विभिन्न स्वरूपों तथा मनोज सनवाल जी ने गरीब लोगो की मदद पर ध्यानाकर्षण कर प्रकाश डाला। मनीष तिवारी जी ने कहा कि ब्राह्मणो का किसी से बिरोध नही है । दयाकृष्ण काण्डपाल जी ने कहा कि ब्राह्मण वह है जो यजमानों के कल्याण के लिये उनके पापो को दक्षिणा के रूप में अपने सिर पर लेकर अपने पुण्य यजमानों को प्रदान करता है , सभी का हित करना ही ब्राह्मण का धर्म है । भुवन जोशी मे कहा कि गलत आचरण व लोभ के कारण भगवान परशुराम ने ब्राह्मणों को भी शापित किया । आशीष जोशी जी ने कहा कि समाज मे भले लोगों को एकजुट होना चाहिये । सभा में संजय पाण्ड़े जी ने सुन्दर भजन सुनाये
बैठक की अध्यक्षता जे सी दुर्गापाल जी ने की और संचालन आशीष जोशी जी किया, इस अवसर पर मनोज सनवाल, संजय पाण्डे, गुड्डू भट्ट, रोहित लोहनी,जीवन जोशी, मोहन भट्ट,विनोद जोशी, भुवन चन्द्र जोशी,अरविंद जोशी, आदि मौजूद रहे।