महिला शक्ति की सक्रिय भागीदारी, क्षेत्रीय अस्मिता की लड़ाई बना जन आंदोलन
अल्मोड़ा। ग्राम पंचायत खूंट, धामस, सेनार, चाण, रौन, डाल और शीतलखेत में राष्ट्र नीति संगठन के तत्वावधान में चल रहे भीख मांगो अभियान को जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है। संगठन के नेतृत्वकर्ता एडवोकेट विनोद चंद्र तिवारी के नेतृत्व में यह आंदोलन अब जनांदोलन का रूप ले चुका है।
इस अभियान का उद्देश्य कोसी नदी पर पुल निर्माण, क्षेत्र की सड़कों पर डामरीकरण, जीआईसी खूंट विद्यालय में पेयजल की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करने और उत्तराखंड के पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाने की मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है।
धन की कमी बताकर विकास कार्यों को टालने की सरकारी नीति के विरोध में, आंदोलनकारी गांव-गांव जाकर भीख मांग रहे हैं और जनता से एक-एक रुपया एकत्र कर इस अभियान को मजबूत बना रहे हैं। लोगों ने इसे “क्षेत्र की अस्मिता की लड़ाई” करार दिया है और भविष्य में जिला अधिकारी कार्यालय का घेराव करने का ऐलान भी किया गया है।
आज यह जनजागरण अभियान खूंट, धामस, धारी, लटवाल गांव और बलसा क्षेत्र में चलाया गया, जहां पर भारी संख्या में ग्रामीणों ने सहभागिता की और आंदोलन का समर्थन किया। विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही, जिन्होंने अपने संसाधनों से बढ़-चढ़कर योगदान दिया।
अभियान में उपस्थित प्रमुख लोग:
सरला देवी (ग्राम प्रधान खूंट), निरंजन पांडे, हरीश पांडे, कृष्ण चंद्र पांडे, मनोज कुमार, झूमर राम, रजनी देवी, अंजू देवी, त्रिलोक राम, बसंती देवी, राधा देवी, बकचोली देवी, लक्ष्मी देवी, राजेंद्र प्रसाद, सौरव कुमार, सचिन कुमार, अशोक कुमार, रणजीत सिंह बिष्ट, सौरभ सिंह, भगवत सिंह, मोहन सिंह, पूर्व प्रधान नवीन कुमार, प्रमोद कुमार, गोपाल राम, आनंद सिंह, प्रताप सिंह, भोपाल प्रीस्ट, विनोद कुमार, भोज राम और अन्य गणमान्य नागरिक शामिल रहे।
ग्रामीणों का कहना है कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति या संस्था का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के हक और हकूक की आवाज है, जिसे अब दबाया नहीं जा सकता।