बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन के खिलाफ उम्र में गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन की विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया है जिसमें उन्होंने कम उम्र के बैडमिंटन टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए जन्म प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा करने के आरोप की जांच रद्द करने की उनकी याचिका खारिज करने के कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने नोटिस जारी किया और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी।
नागराज एमजी द्वारा की गई निजी शिकायत में लगाए गए आरोपों के अनुसार, यह आरोप लगाया गया है कि लक्ष्य और उसके भाई चिराग के माता-पिता ने उसके कोच, जो कर्नाटक बैडमिंटन एसोसिएशन के कर्मचारी हैं, के साथ मिलकर अपनी उम्र को लगभग ढाई साल कम दिखाकर अपने जन्म प्रमाण पत्र बनाने में कामयाब रहे। यह उन्हें बैडमिंटन टूर्नामेंट में भाग लेने और सरकार से लाभ का दावा करने में सक्षम बनाने के लिए था।
पुलिस ने इस मामले मे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 34, 420, 468 और 471 के तहत प्राथमिकी दर्ज की, जो धोखाधड़ी और दस्तावेजों में हेरफेर करने के आरोपों को दर्शाती हैं। इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दाखिल की गई थी, जिसे 19 फरवरी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसके खिलाफ लक्ष्य सेन ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय मे विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है जिस मे 16 अप्रेल की तिथि नियत है ।