अल्मोड़ा – शारदा पब्लिक स्कूल में आयोजित द्वि-दिवसीय वार्षिकोत्सव का दूसरा दिन विद्यार्थियों, अभिभावकों और अतिथियों के लिए एक यादगार अनुभव बनकर सामने आया। इस वर्ष का वार्षिकोत्सव ‘जे़निथ’ थीम के तहत मनाया गया, जिसका उद्देश्य बच्चों के भीतर छुपी हुई कला और संस्कृति के प्रति रुचि को उजागर करना था। इस उत्सव के दौरान स्कूल के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने कई शानदार और विविध रंगारंग कार्यक्रमों का मंचन किया, जो न केवल उनकी कला की झलक प्रस्तुत कर रहे थे, बल्कि उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को भी प्रदर्शित कर रहे थे।
मुख्य अतिथियों का स्वागत और दीप प्रज्ज्वलन
कार्यक्रम की शुरुआत बहुत ही शानदार तरीके से हुई। मुख्य अतिथियों और विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से इस आयोजन को शुभारंभ मिला। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे वरिष्ठ रंगकर्मी अजय बेरी और मनमोहन चौधरी। इनके अलावा विशिष्ट अतिथियों में राजेश बिष्ट, डॉक्टर भावना सती, जंग बहादुर थापा और कर्नल मनोज कांडपाल ने भी इस अवसर पर शिरकत की। दीप प्रज्ज्वलन के बाद कार्यक्रम का माहौल उत्साही और उल्लासपूर्ण हो गया। अतिथियों ने बच्चों को प्रेरित करने के लिए अपने अनुभव साझा किए और उन्हें भविष्य में सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचने की शुभकामनाएँ दीं।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन
वार्षिकोत्सव के दौरान बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जो दर्शकों के दिलों को छू गईं। सबसे पहले नन्हे-मुन्ने बच्चों ने विद्यालय की एकता और संस्कृति को दर्शाते हुए ‘वंदना’ प्रस्तुत की। इसके बाद, बच्चों द्वारा किए गए नाट्य प्रस्तुति “द चार्म ऑफ़ अरेबियन नाइट्स” ने दर्शकों का दिल जीता। बच्चों का अभिनय और मंच पर आत्मविश्वास देखकर सभी अतिथि और अभिभावक हैरान रह गए।
इसके बाद, नृत्य प्रस्तुतियों का दौर शुरू हुआ, जिसमें बच्चों ने विभिन्न प्रकार के नृत्य शैलियों से सबको मोहित कर लिया। राजस्थानी नृत्य, बैले डांस, पहाड़ी नृत्य, पंजाबी नृत्य, और शास्त्रीय नृत्य ‘भरतनाट्यम’ जैसी प्रस्तुतियों ने विद्यालय के सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत किया। हर नृत्य में बच्चों की कड़ी मेहनत और प्रशिक्षकों की दिशा-निर्देश को महसूस किया जा सकता था। इन नृत्य प्रस्तुतियों ने न केवल कला के प्रति बच्चों का समर्पण दिखाया, बल्कि शारीरिक और मानसिक अनुशासन के महत्व को भी उजागर किया।
अतिथियों के प्रेरक संदेश
कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ रंगकर्मी अजय बेरी और मनमोहन चौधरी ने बच्चों के साथ अपने अनुभव साझा किए। दोनों ने बच्चों को उनके भविष्य के लिए मार्गदर्शन दिया और उन्हें अपनी कला में निरंतर सुधार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कला केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह जीवन को समझने और व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। अतिथियों ने बच्चों को कठिन परिश्रम, समर्पण और धैर्य के महत्व को बताया और उन्हें कभी भी अपने सपनों का पीछा करने से न रुकने के लिए उत्साहित किया।
विद्यालय की प्रधानाचार्या का आभार
कार्यक्रम के अंत में, विद्यालय की प्रधानाचार्या विनीता शेखर ने समस्त कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की और कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों, अभिभावकों और शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। प्रधानाचार्या ने बच्चों की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य, नाटक और संगीत न केवल उनकी कला की झलक दिखाते हैं, बल्कि उनकी मेहनत और समर्पण को भी उजागर करते हैं। उन्होंने सभी अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा और विकास में सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया।
समापन और यादगार लम्हें
कार्यक्रम के समापन पर, बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई प्रस्तुतियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम एक अविस्मरणीय अनुभव बन गए। इस वार्षिकोत्सव को फोटोग्राफी के माध्यम से संजोने का कार्य देवेंद्र प्रताप सिंह और रिचर्ड सिंह ने किया। उन्होंने इस दिन के हर एक खास पल को कैमरे में कैद किया, ताकि यह यादगार दिन हमेशा के लिए बच्चों और अभिभावकों के दिलों में जीवित रहे।
इस प्रकार, शारदा पब्लिक स्कूल का द्वि-दिवसीय वार्षिकोत्सव न केवल एक शानदार सांस्कृतिक आयोजन रहा, बल्कि इसने बच्चों को उनके भविष्य के लिए प्रेरणा और दिशा देने का कार्य भी किया। बच्चों के समर्पण और उनकी मेहनत का यह उत्सव सभी के दिलों में हमेशा के लिए छाप छोड़ गया।