भाकृअनुप – विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के प्रयोगात्मक प्रक्षेत्र, हवालबाग में 27 से 28 फरवरी 2025 को “श्री अन्न उन्नत उत्पादन तकनीकी” विषय पर दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (न्यूट्री-सीरियल) योजनान्तर्गत उप कृषि निदेशक कार्यालय, कृषि विभाग, मथुरा (उत्तर प्रदेश) द्वारा प्रायोजित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य श्री अन्न (मिलेट्स) की उन्नत उत्पादन तकनीकियों और उनके लाभों के बारे में किसानों को अवगत कराना था। इस कार्यक्रम में मथुरा जनपद, उत्तर प्रदेश से 04 महिला कृषकों सहित कुल 30 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग किया। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों ने श्री अन्न/मिलेट्स की उच्च उपजशील प्रजातियों, उन्नत सस्य विधियों, मूल्यवर्धन एवं कटाई उपरांत प्रसंस्करण के बारे में प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण में दी गई महत्वपूर्ण जानकारी:
प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मिलेट्स की विभिन्न उन्नत प्रजातियों के बारे में जानकारी दी गई। इन प्रजातियों में उच्च उत्पादन क्षमता और पोषक तत्वों की समृद्धता के कारण किसानों को अधिक लाभ हो सकता है। इसके अलावा, प्रशिक्षण में उन्नत सस्य विधियों, जैसे कि उपयुक्त सिंचाई, मिट्टी प्रबंधन, और उर्वरक उपयोग की प्रभावी तकनीकों पर भी विशेष ध्यान दिया गया।
किसानों को यह भी बताया गया कि श्री अन्न के उत्पादन में किस प्रकार से मूल्यवर्धन किया जा सकता है, जिससे उत्पादक अपने उत्पादों को अधिक मूल्य पर बेच सकें। साथ ही, कटाई के बाद के प्रसंस्करण के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई, जिससे उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और उन्हें बेहतर तरीके से बाजार में प्रस्तुत किया जा सके।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर:
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह अत्यंत प्रेरणादायक था। समापन समारोह के दौरान, सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जो उनके द्वारा प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त ज्ञान का प्रमाण था। इसके अलावा, भाकृअनुप संस्थान द्वारा विकसित मंडुवा (रागी) और चौलाई (रामदाना) की उन्नत प्रजातियों के बीज भी सभी प्रशिक्षणार्थियों को वितरण किए गए। यह बीज किसानों को श्री अन्न की खेती में सहायता प्रदान करेंगे और उन्हें बेहतर उत्पादन करने में मदद करेंगे।
कार्यक्रम का संचालन:
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन डॉ. महेन्द्र सिंह भिण्डा द्वारा किया गया। उनके मार्गदर्शन में कार्यक्रम के दौरान कृषि विशेषज्ञों ने मिलेट्स से संबंधित नवीनतम तकनीकों को किसानों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है, क्योंकि मिलेट्स का उत्पादन न केवल खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि यह किसानों की आय में भी वृद्धि करने का एक सशक्त तरीका है। किसानों को दिए गए उन्नत बीज और