उत्तराखंड सरकार द्वारा 2025 के बजट सत्र में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत की गई, जिसमें वन विभाग और CAMPA योजना में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और धन के दुरुपयोग के मामले उजागर हुए। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई।
इसी संदर्भ में राष्ट्र नीति संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट विनोद तिवारी ने आज अल्मोड़ा के जिला अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार, प्रधानमंत्री भारत सरकार और उत्तराखंड की पब्लिक अकाउंट कमिटी को ज्ञापन भेजा। उन्होंने इस मामले में गहरी जांच की मांग करते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2021 की धारा 13(क), मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम की धारा 3 और 4 तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा 317 और 318 के तहत मुकदमा दर्ज करने और कठोर कार्रवाई करने का आह्वान किया।
सरकार के रवैये पर उठाए सवाल
एडवोकेट विनोद तिवारी ने उत्तराखंड सरकार के रवैये पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जहां केंद्र सरकार CAG की रिपोर्ट पर दिल्ली में बड़ा मुद्दा बना रही है, वहीं उत्तराखंड सरकार के जिम्मेदार पदाधिकारी और मंत्री इस रिपोर्ट को हल्का करार देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि यह सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
न्यायिक हस्तक्षेप की चेतावनी
विनोद तिवारी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस मामले में निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित नहीं करती है, तो राष्ट्र नीति संगठन उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करेगा और न्यायिक हस्तक्षेप के माध्यम से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले को किसी भी हाल में दबने नहीं दिया जाएगा, क्योंकि यह जनता के पैसे के दुरुपयोग से जुड़ा गंभीर मामला है।
CAMPA योजना और वन विभाग की वित्तीय अनियमितताओं का मामला
CAMPA (Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority) योजना का उद्देश्य वन क्षेत्रों में सुधार और हरित आवरण को बढ़ाना है। लेकिन CAG की रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना में धन के दुरुपयोग, अनुचित व्यय और अनियमितताओं की कई घटनाएं सामने आई हैं। वन विभाग में भी इसी तरह की वित्तीय गड़बड़ियां पाई गईं, जिससे साफ होता है कि सरकारी योजनाओं का सही तरह से संचालन नहीं किया गया।
निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग
एडवोकेट विनोद तिवारी ने कहा कि जनता के कर के पैसे का दुरुपयोग किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की वित्तीय अनियमितताओं को रोका जा सके।
जनता की निगरानी और आगामी कदम
राष्ट्र नीति संगठन के अनुसार, इस मुद्दे पर जनता भी पैनी नजर बनाए हुए है, और यदि सरकार इस मामले को हल्के में लेने की कोशिश करती है, तो विरोध प्रदर्शन और कानूनी कार्रवाई का रास्ता अपनाया जाएगा। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई नहीं की, तो उच्च न्यायालय में मामला ले जाया जाएगा और दोषियों को कटघरे में खड़ा किया जाएगा।
इस ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्र नीति संगठन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का संकेत दिया है, और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।