अल्मोड़ा: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अल्मोड़ा की सचिव शचि शर्मा द्वारा वादकारियों एवं आमजन से अपील की गई है कि जो भी व्यक्ति अपने लंबित मामलों को आपसी सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित कराना चाहते हैं, वे आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 10 मई 2025 के अवसर का लाभ उठाएं।
उन्होंने बताया कि इच्छुक व्यक्ति किसी भी कार्य दिवस में, अधिवक्ता के माध्यम से या स्वयं, संबंधित न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि राष्ट्रीय लोक अदालत से एक कार्यदिवस पूर्व तक निर्धारित की गई है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में सिर्फ उन्हीं मामलों का निस्तारण किया जाएगा, जो सुलह एवं आपसी सहमति से निपटाए जा सकते हैं। खास बात यह है कि यदि किसी वाद में कोर्ट फीस जमा हो चुकी हो और उसका निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत में होता है, तो जमा की गई पूरी कोर्ट फीस पक्षकार को वापस कर दी जाएगी।
निम्नलिखित प्रकार के मामलों का निस्तारण लोक अदालत में किया जा सकेगा:
1. फौजदारी शमनीय अपराध (जहां कानूनन समझौता संभव है)
2. श्रम एवं नियोजन विवाद
3. धन लेन-देन से संबंधित विवाद
4. वैवाहिक विवाद (तलाक के मामलों को छोड़कर)
5. दीवानी वाद – किरायेदारी, व्यादेश, आदि
6. चेक बाउंस के मामले
7. मोटर दुर्घटना मुआवजा मामले
8. बिजली/पानी के बिल से संबंधित विवाद (शमनीय प्रकृति के)
9. भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामले (जिला न्यायालय में लंबित)
10. राजस्व से जुड़े मामले
11. उपभोक्ता फोरम में लंबित मामले
12. मोटर वाहन अधिनियम के अधीन ट्रैफिक चालान (शमनीय प्रकृति के)
इसके अतिरिक्त, ऐसे विवाद जो अभी न्यायालय में लंबित नहीं हैं, लेकिन आपसी सहमति से निपटाए जा सकते हैं, वे भी लोक अदालत के माध्यम से सुलझाए जा सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
चेक बाउंस के विवाद
धन लेन-देन के विवाद
श्रम एवं नियोजन संबंधी विवाद
बिजली, पानी, टेलीफोन बिलों के विवाद
भरण-पोषण के विवाद
अन्य शमनीय फौजदारी एवं दीवानी विवाद
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने सभी पक्षकारों से अपील की है कि इस अवसर का अधिक से अधिक लाभ लें और लम्बित विवादों को त्वरित, सुलभ और आपसी सहमति के आधार पर सुलझाएं।
यह लोक अदालत न्यायालयों पर भार कम करने, जनता को राहत देने और न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाने का एक प्रभावशाली माध्यम है।