अल्मोड़ा: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर मानसखंड विज्ञान केंद्र, अल्मोड़ा में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस वर्ष के कार्यक्रम का मुख्य चिंतन विषय था “विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना।” कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अलोक कुमार पांडे, जिलाधिकारी, अल्मोड़ा थे, जबकि केंद्र में कार्यक्रम की अध्यक्षता मेयर अजय वर्मा द्वारा की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, और इसके बाद केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने अपने स्वागत संबोधन में डॉ. सी. वी. रमन के जीवन और उनके वैज्ञानिक कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने केंद्र की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, जी. बी. पंत पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील नौटियाल ने विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में युवाओं को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान और शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह ने जलवायु परिवर्तन पर एक ऑनलाइन व्याख्यान दिया। इसके साथ ही उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने वर्चुअल माध्यम से छात्रों और उपस्थित अतिथियों को संबोधित किया। माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम में शामिल होकर, विशेष रूप से महिलाओं की उधिमिता के क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी पर बल दिया।
इस कार्यक्रम में जिले के सर्वश्रेष्ठ विज्ञान शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। इस वर्ष के सर्वश्रेष्ठ अध्यापक का पुरस्कार नैनीताल जिले के श्री कैलाश चंद्र जोशी और अल्मोड़ा जिले के श्री विनोद कुमार राठौर को प्रदान किया गया।
विज्ञान दिवस पर छात्रों द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में पोस्टर प्रतियोगिता में रिया भट्ट, दीक्षा बिष्ट और मयंक सागर ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में कु. संजना ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि वाद-विवाद प्रतियोगिता में आभा त्रिपाठी ने प्रथम स्थान हासिल किया।
कार्यक्रम के अंत में जिला विज्ञान समन्वयक डॉ. बी. सी. पांडेय ने धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा और सभी अतिथियों, विशेष रूप से मुख्यमंत्री और प्रो. दुर्गेश पंत का आभार व्यक्त किया।
इस सफल आयोजन ने छात्रों को विज्ञान और गणित की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया और सी. वी. रमण और रामानुजन की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।