नवनियुक्त अल्मोड़ा कोतवाल योगेश उपाध्याय को उनकी नियुक्ति के बाद नंदादेवी वार्ड के पार्षद अर्जुन बिष्ट ने साथ लेकर सर्वप्रथम माँ नन्दा देवी मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद, उपाध्याय को अल्मोड़ा आगमन पर बधाई प्रेषित की और उन्हें शुभकामनाएँ दीं। इस दौरान, पार्षद अर्जुन बिष्ट ने कोतवाल के साथ वार्ड की सबसे गंभीर समस्या पर चर्चा की, जो इलाके की गलियों में नशे का प्रचलन है। उन्होंने बताया कि नंदादेवी वार्ड की गलियों में अधिकांश युवा विभिन्न प्रकार के नशे का सेवन करते हैं, जिससे क्षेत्र की जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति केवल नंदादेवी वार्ड तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे अल्मोड़ा नगर में यह एक गंभीर समस्या बन गई है।
पार्षद अर्जुन बिष्ट ने बताया कि नशे के कारण युवाओं का आक्रामक व्यवहार और उनकी कार्यशैली से पूरे क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ है। स्थानीय निवासी आने-जाने में डरते हैं, क्योंकि नशे में धुत युवक कभी भी हिंसक हो सकते हैं। इसके साथ ही, शहर के कुछ प्रमुख बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर बाहर से आए हुए भिखारी और उनके परिवारों द्वारा रास्तों पर बैठकर माहौल खराब किया जा रहा है। यह स्थिति न केवल असहनीय हो गई है, बल्कि यह शहर की सछ्वता और सामाजिक संरचना के लिए भी हानिकारक है।
इस समस्याओं को लेकर पार्षद अर्जुन बिष्ट ने न केवल कोतवाल से चर्चा की, बल्कि यह भी बताया कि इन भिखारियों के कारण बाजारों में कई प्रकार की असुविधाएँ उत्पन्न हो रही हैं। लोग अपने कामकाजी दिनचर्या में व्यवधान महसूस कर रहे हैं, और सार्वजनिक स्थानों पर इन भिखारियों के बैठे रहने से वातावरण दूषित हो रहा है। इन समस्याओं के समाधान के लिए पार्षद ने कोतवाल से निवेदन किया कि इन भिखारियों को हटाने के लिए प्रशासनिक कार्यवाही की जाए, ताकि बाजारों और गलियों को साफ और सुरक्षित रखा जा सके।
कोतवाल योगेश उपाध्याय ने पार्षद की बातों को गंभीरता से सुना और इस विषय पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही नशेड़ी युवाओं के खिलाफ एक अभियान चलाया जाएगा, जिससे इलाके की गलियाँ नशामुक्त हो सकें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भिखारियों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे और उन्हें सार्वजनिक स्थानों से हटाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, पार्षद अर्जुन बिष्ट ने जनता से अपील की कि वे अपने आसपास के भिखारियों को दान देने से बचें, खासकर उन भिखारियों को जो शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी के हाथ-पैर सही सलामत हैं तो उसे दान देना केवल उनकी कार्यशैली को बढ़ावा देना है। जनता को इस मामले में जागरूक होना चाहिए और समाज में सुधार लाने के लिए प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।
इस प्रकार, कोतवाल और पार्षद ने मिलकर नशे और भिक्षावृत्ति जैसी समस्याओं से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। यह प्रयास न केवल नंदादेवी वार्ड बल्कि पूरे अल्मोड़ा नगर के लिए भी एक सकारात्मक कदम साबित होगा।