06 अप्रैल 2025 को प्रातः लगभग 6 बजे द्वाराहाट वन क्षेत्र के तड़ागताल, खीड़ा, सूखाताल, खुजरानी और गोग्यानी क्षेत्रों में बड़े स्तर पर वनाग्नि की घटनाएं सामने आईं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह आग नाप भूमि से उठकर समीपवर्ती वन क्षेत्रों में फैल गई, जिससे वन संपदा को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन अनुभाग अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की। आग पर नियंत्रण पाने के लिए पाँच विशेष टीमों का गठन किया गया, जिनमें वन दरोगा, वन रक्षक और फायर वाचर शामिल थे। ये टीमें तुरंत घटनास्थलों पर पहुंचीं और लगातार प्रयास करते हुए आग को नियंत्रित करने में जुट गईं।
आवश्यकता पड़ने पर पड़ोसी सोमेश्वर रेंज से अतिरिक्त वनकर्मियों को भी बुलाया गया ताकि आग को तेजी से बुझाया जा सके। वन क्षेत्राधिकारी द्वाराहाट ने उपकरण, पानी और अन्य आवश्यक संसाधनों की त्वरित व्यवस्था सुनिश्चित की। साथ ही, उप प्रभागीय वनाधिकारी, अल्मोड़ा ने स्वयं प्रभावित स्थलों का निरीक्षण कर स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने आग के संभावित कारणों की समीक्षा की और स्टाफ की आवश्यकताओं का मूल्यांकन किया।
यह संपूर्ण अभियान प्रभागीय वनाधिकारी, अल्मोड़ा श्री दीपक सिंह के कुशल निर्देशन और मार्गदर्शन में किया गया। उनके नेतृत्व में कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई, और समन्वित प्रयासों के माध्यम से आग पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया।
विभाग की तत्परता, कुशल प्रबंधन और आपसी समन्वय के चलते एक बड़ी क्षति को समय रहते टाल दिया गया है। वर्तमान में भी प्रभावित क्षेत्रों में सतत निगरानी जारी है ताकि किसी भी प्रकार की पुनरावृत्ति से बचा जा सके।
इस सफल कार्रवाई ने वन विभाग की दक्षता और सतर्कता को प्रमाणित किया है, जिससे क्षेत्रीय वन संपदा को संभावित बड़े नुकसान से बचाया जा सका।