चम्पावत – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2025 के लिए माँ पूर्णागिरि मेले का विधिवत शुभारंभ किया। यह मेला चम्पावत जिले के एक प्रमुख धार्मिक स्थल, माँ पूर्णागिरि धाम पर आयोजित किया जाता है, जो ना केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि उत्तर भारत में पर्यटन के दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर माँ पूर्णागिरि के चरणों में नतमस्तक होकर प्रदेशवासियों और श्रद्धालुओं के लिए शुभकामनाएं दीं और यह आशीर्वाद प्रकट किया कि माँ का आशीर्वाद सभी पर बना रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि देवताओं की धरा है, और यहाँ के प्रत्येक कण में दिव्यता समाई हुई है। उन्होंने माँ पूर्णागिरि को प्रदेश के प्रमुख आध्यात्मिक स्थलों में से एक बताते हुए कहा कि जब भी कोई उत्तराखंड आने के लिए स्थान पूछता है, तो वह सबसे पहले माँ पूर्णागिरि का नाम लेता है। उन्होंने यह भी बताया कि कुंभ मेला और कांवड़ यात्रा के बाद सबसे अधिक श्रद्धालु माँ पूर्णागिरि के धाम पर आते हैं।
मेले के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी संकल्प लिया कि इस मेले को पूरे वर्षभर चलाने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्णागिरि धाम को स्थायी संरचनाओं से सुसज्जित करने के उद्देश्य से कार्य किए जा रहे हैं, जिससे आने वाले वर्षों में यह स्थल और भी भव्य और सुव्यवस्थित बने, और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे आस्था को केवल दिखावे तक सीमित न रखें और चंपावत के अन्य धार्मिक स्थलों की भी यात्रा करें। उन्होंने इसे एक आध्यात्मिक अनुभव बनाने की बात की, जो सिर्फ औपचारिकता न हो, बल्कि जीवन के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में श्रद्धा को महसूस किया जाए।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने चंपावत के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि चंपावत को एक प्रमुख धार्मिक और साहसिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न विकासात्मक कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिनमें टनकपुर बस स्टेशन को 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से ISBT के रूप में विकसित करना, 11 से बढ़ाकर 13 मल्टी-लेवल पार्किंग का निर्माण, और कुमाऊं के प्रमुख मंदिरों का सौंदर्यीकरण शामिल हैं। इसके साथ ही, माँ पूर्णागिरि धाम में रोपवे निर्माण, मल्टी-लेवल पार्किंग, और परिवहन सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पूर्णागिरि धाम के आसपास स्थित सभी प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़कर एक विशेष पर्यटन सर्किट विकसित किया जाएगा। इससे न केवल माँ पूर्णागिरि की यात्रा को सुविधाजनक बनाया जाएगा, बल्कि चंपावत जिले में पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। इस परियोजना से श्रद्धालु केवल माँ पूर्णागिरि तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि पूरे क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का अनुभव कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि चंपावत जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। टनकपुर में 15 करोड़ रुपये की लागत से आयुष अस्पताल का निर्माण, और जिले के चिकित्सालय में 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, शिक्षा क्षेत्र में भी कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें शोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का एक कैंपस चंपावत में खोलना और सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों का जीर्णोद्धार शामिल है।
मुख्यमंत्री ने चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज के निर्माण की भी घोषणा की। साथ ही, श्यामलाताल झील के विकास के लिए 5 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है, और इसे एक वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का भी विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने माँ पूर्णागिरि मेला उद्घाटन के अवसर पर की घोषणाएं:
1. स्मार्ट कंट्रोल रूम और सीसीटीवी निगरानी तंत्र – मेला क्षेत्र में सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के लिए ठुलीगाड़ में स्थापित किया जाएगा।
2. बहुउद्देशीय प्रशासनिक भवन – सेलागाढ़ में मेला प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक केंद्रीय भवन बनाए जाने की योजना।
3. पेयजल योजना – लादीगाड़ में पूर्णागिरि पंपिंग पेयजल योजना बनाई जाएगी।
4. पंपिंग परियोजनाएं – ठुलीगाड़ और बाबलीगाड़ में पंपिंग परियोजना का निर्माण।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इन घोषणाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है। उन्होंने मेला समिति को यह आश्वस्त किया कि श्रद्धालुओं को सर्वोत्तम आतिथ्य, स्वच्छता और सुविधाएं प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है, ताकि हर वर्ष श्रद्धालु यहाँ अच्छे अनुभव के साथ लौटें।
इस शुभ अवसर पर विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी, नगर पालिका अध्यक्ष विपिन कुमार, और अन्य अधिकारियों सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे।