अल्मोड़ा-आज जारी एक बयान में महिला कांंग्रेस की जिलाध्यक्ष लता तिवारी ने कहा कि विगत साढ़े तीन वर्षों से अल्मोड़ा की जनता इस जनविरोधी प्राधिकरण को समाप्त करने के लिए लगातार आन्दोलनरत है।विगत पखवाड़े अल्मोड़ा आये सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्राधिकरण को स्थगित किये जाने की घोषणा भी कर दी थी परन्तु इतना समय बीत जाने के बाद भी अभी तक इसका शासनादेश जारी ना होने स्पष्ट करता है कि यह मात्र एक कोरी घोषणा थी।उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र के लोग विगत साढ़े तीन सालों से इस विकास प्राधिकरण की मार झेल रहे हैं परन्तु सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।उन्होंने कहा कि जनता अपने भवन मानचित्र स्वीकृति के लिए दर दर की ठोकरें खा रही है परन्तु ना तो शासन और ना ही प्रदेश सरकार जनता के दर्द को समझ रही है।उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति को समझे बिना तुगलकी फरमान से प्रदेश सरकार का पहाड़ी क्षेत्रों में विकास प्राधिकरण को लागू करने का फैसला पूरी तरह जनविरोधी था।उन्होंने कहा कि एक ओर जहां सरकार पलायन रोकने की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर इस प्राधिकरण के कारण समस्त पहाड़ी क्षेत्रों में पलायन जैसी गंभीर समस्या पैदा हो रही है जो सरकार की कथनी और करनी को स्पष्ट प्रदर्शित करता है।श्रीमती तिवारी ने कहा कि सरकार प्राधिकरण को समाप्त ना करके अपनी हठधर्मिता का परिचय दे रही है।श्रीमती तिवारी ने कहा कि सरकार प्राधिकरण को समाप्त ना करके पहाड़ी क्षेत्रों की जनता के साथ धोखा कर रही है।उन्होंने स्पष्ट शब्दों में प्रदेश सरकार से मांग की है कि अविलम्ब जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त किया जाए।