अल्मोड़ा। इस महामारी के दौर में जहां एक और सरकार तमाम चीजों में कटौती कर लोगों को दो टाइम का भोजन पका पकाया मुहैया करा रही है। वहीं दूसरी ओर आज जनपद में एक शर्मनाक दुखद वाकया देखने को मिला, जिसमें लोगों द्वारा पके हुए भोजन के पैकेट कूड़ेदान में फेंके मिले। इससे यह साफ जाहिर होता है कि जिला प्रशासन द्वारा जिस तरीके से गरीब मजदूरों के लिए पके हुए भोजन की व्यवस्था की गई है, वह या तो जरूरत से ज्यादा है या तो इन लोगों को पहचानने में गलती हुई है या फिर भोजन के पैकेट अधिक मात्रा में भेजे जा रहे हैं। कूड़े के ढेर में पड़े हुए इन भोजन के पैकेटों को देखकर लगता है कि यह लोग जिला प्रशासन की व तमाम उन लोगों की जो लोग यह भोजन व्यवस्था करने में किसी न किसी प्रकार से मदद कर रहे हैं उनके सम्मान को ठेस पहुंचा कर उन लोगों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं जो कि बड़ा दुखद विषय है।

जिलाधिकारी लगातार भूखों के लिए भोजन किस तरह दिया जाए इसके लिए कोई न कोई उपाय खोजने में लगे हैं पर इस तरह के लोग इनकी पूरी मेहनत को पानी में मिलने में लगे हुए है।
कूड़े में पड़े भोजन के पैकेट कई सवाल उठा रहे हैं जैसे कि क्या आवश्यकता से अधिक भोजन बन रहा है यदि हाँ तो क्यों? या भोजन की गुणवत्ता इसके लिए जिम्मेदार है?
महामारी के इस दौर में आने वाले समय में खाना मिलना भी मुश्किल होने की संभावना है वहाँ भोजन में हो रही इस घटना की पूर्ण और न्यायपूर्ण जाँच होना जरूरी है।