पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम. (कैबिनेट-स्तर) बिट्टू कर्नाटक ने जारी एक बयान में कहा कि विगत कई वर्षो से सांस्कृतिक नगर अल्मोडा में पेयजल समस्या को देखते हुये पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार द्वारा कोसी नदी में एक बैराज का निर्माण किया गया था । तदुपरान्त 11 करोड़ से अधिक लागत से कोसी नदी में इंटकवेल और कोसी से मटेला तक पाईप लाईन का निर्माण किया गया । बडे़ दुर्भाग्य का विषय है कि गर्मी के प्रारम्भ में ही कोसी नदी में पानी की कमी से अल्मोड़ा व उसके आस पास के क्षेत्र में भीषण पेयजल की किल्लत प्रारम्भ हो जाती है। जिसके फलस्वरूप कई बार सप्ताह में एक बार पानी नागरिकों को उपलब्ध हो पाता है और यह पानी भी पीने योग्य नहीं होता है । वहीं दूसरी ओर जैसे ही बरसात आती है तो पानी का भीषण संकट पैदा हो जाता है । नागरिकों द्वारा सम्बन्धित विभाग से पूछे जाने पर गाद/सिल्ट आ जाने के कारण पेयजल आपूर्ति में बाधा आने की बात कही जाती है ।
इसी क्रम में कर्नाटक ने बताया कि उनके द्वारा के0डी0भट्ट अधिषासी अभियन्ता उत्तराखण्ड पेयजल निगम अल्मोडा के साथ इंटकवैल का पूर्ण निरीक्षण कर यह देखा कि बैराज से पानी मटेला में लगातार जा रहा है किन्तु मटेला में स्टोरेज टैंक की क्षमता काफी कम है और वाटर ट्रिटमैंट प्लांट जो काफी पुराने हैं, विधिवत् रूप से कार्य नहीं कर पा रहे हैं जिस कारण अल्मोड़ा की पेयजल आपूर्ति बाधित हो रही है । उन्होंने बताया कि तत्काल इस क्रम में यदि कोई कार्यवाही नहीं की जाती है अल्मोडा की सम्मानित जनता को पेयजल की भीषण समस्या से जूझना पडेगा। उन्होंने मांग की कि आज अल्मोडा को 14 एम.एल.डी.पानी की आवश्यकता है वहीं 7 से 9 एम.एल.डी.पानी मिल पा रहा है साथ ही राइजिंग मेन भी बहुत पुरानी हो गयी है । अतः तत्काल मटेला में बड़ा स्टोरेज टैंक पूर्ण क्षमता हेतु, वाटर ट्रिटमैंट प्लांट और नयी लाईनों(राइजिंग मेन) का डाला जाना अत्यन्त आवश्यक है जिससे अल्मोड़ा व उसके आस पास क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति विधिवत् रूप से की जा सके । इस क्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि तत्काल अल्मोडा की पेयजल व्यवस्था को ध्यान में रखकर इन समस्याओं के समाधान हेतु विशेष प्राथमिकता आधार पर तत्काल कार्यवाही करें । कर्नाटक के साथ इंटक जिलाध्यक्ष दीपक मेहता, हेम जोशी, देबेन्द्र प्रसाद कर्नाटक, ह्दयेश तिवारी, रोहित शैली, प्रकाश मेहता के अतिरिक्त अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे ।