यौन उत्पीड़न के एक मामले में माननीय विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत में अभियुक्त अकिम वेंकट प्रेमनाथ (१०वी० प्रेमनाथ) पुत्र स्व० श्री ए०वी० रायलू निवासी 64 दिल्ली गर्वमेन्ट आफिसर्स फ्लॅट ग्रेटर कैलाश पार्ट नई दिल्ली-110048 द्वारा धारा-254 ता०हि० व 7/8 पोक्सो एक्ट व 66डी आई०टी० एक्ट के तहत अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा अभियुक्त की जमानत हेतु जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत की गयी। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने माननीय न्यायालय को बताया कि वादिनी / पीड़िता द्वारा राजस्व क्षेत्र गोविन्दपुर तहसील व जिला अल्मोड़ा में दिनांक 03-10-2022 को एक तहरीर इस आशय से दी कि अभियुक्त द्वारा दिनांक 23-02-2022 को पीड़िता को अपने दिल्ली सचिवालय आफिस में बुलाकर उसकी कमर में हाथ लगाकर छेड़खानी करना तथा दिनांक 22-03-2022 को पीड़िता सुबह लगभग 11 बजे बाथरूम में नहाने को जा रही थी तो पीडिता द्वारा बाथरूम का दरवाजा खोलकर अन्दर जाने लगी तो अभियुक्त ने पीड़िता को पीछे से धक्का दिया जिसे वह बाथरूम में मुँह बल गिर गई जिस पर अभियुक्त बाथरूम के अन्दर घुस गया और अपने पैर से बाथरूम का दरवाजा बंद कर अपना पैरा मेरी कमर में रख दिया जिससे वह उठ नहीं पायेगी तथा कुछ समय बाद अभियुक्त ने पीड़िता का लोअर उतारने कोशिश की तथा अभियुक्त के दोनों हाथ कोहनी से थोड़ा आगे तक सही है उसके आगे दोनों हाथ आर्टिफिशियल लगे है जब अभियुक्त पीड़िता का लोअर उतार दिया था फिर वह पीडिता को झुकाकर सीधा करने की कोशिश करने लगा तो पीड़िता सीधा हुई तो पीड़िता ने चिल्लाकर आवाज लगाई तो किसी के पैरों की आवाज सुनाई दी जिस कारण अभियुक्त का ध्यान थोड़ा सा बटा तो पीड़िता वहाँ से भागकर बाहर आई यदि वह भागकर बाहर नही आती तो अभियुक्त उसके साथ जघन्य अपराध कारित करता यदि अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह पुनः इस तरह के अपराध कारित करने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है तथा मामले से सम्बन्धित गवाहों / पीडित पक्ष को डारा धमका कर विवेचना को प्रभावित कर सकता है। माननीय न्यायालय द्वारा दोनों पक्षो को सुनकर अभियुक्त की जमानत प्रर्थाना पत्र को दिनांक 13-10-2022 को खारिज की गई।