हाल ही में जी जी आई सी जयंती में विंटर कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों के समग्र विकास के लिए विभिन्न प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विद्यालय के मुख्य अतिथि, शिक्षिका एवं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और छात्रों को प्रोत्साहित किया। विंटर कैंप का उद्देश्य विद्यार्थियों को शारीरिक, मानसिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाना था।
मुख्य अतिथि के रूप में माई जी उपस्थित रहीं, जिन्होंने विद्यार्थियों को इस प्रकार के आयोजनों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कैंप विद्यार्थियों को केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं में भी सक्षम बनाते हैं।
विंटर कैंप में अनेक विशेष प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया गया। इनमें से एक महत्वपूर्ण सत्र था “हुड़का प्रशिक्षण”, जिसे पूरन सिंह कुंजवाल द्वारा संचालित किया गया। पूरन सिंह कुंजवाल ने विद्यार्थियों को हुड़का बजाने की तकनीक सिखाई, जो एक लोकप्रिय पारंपरिक वाद्य यंत्र है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों को संगीत के महत्व और भारतीय संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिला।
हारमोनियम और ढोलक प्रशिक्षण की जिम्मेदारी प्रकाश नेगी और गिरीश चंद्र जोशी ने संभाली। इन दोनों विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को हारमोनियम और ढोलक बजाने की बारीकियां सिखाईं। संगीत शिक्षा से विद्यार्थियों को अपनी संगीतिक क्षमताओं का विस्तार करने का अवसर मिला, जो उनकी मानसिक और शारीरिक विकास में सहायक हो सकता है।
योग और जुम्बा नृत्य प्रशिक्षण का संचालन दीपा भट्ट ने किया। दीपा भट्ट ने विद्यार्थियों को योग और जुम्बा नृत्य के माध्यम से शारीरिक फिटनेस के महत्व को समझाया। इस सत्र में विद्यार्थियों ने शारीरिक अभ्यास के जरिए अपने शरीर को लचीला और तंदुरुस्त बनाने की तकनीकें सीखी। योग और नृत्य ने विद्यार्थियों को मानसिक शांति और खुशी प्राप्त करने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया।
मेहंदी प्रशिक्षण का कार्यभार हेमा टम्टा ने लिया। हेमा टम्टा ने विद्यार्थियों को मेहंदी की कला सिखाई, जिससे छात्रों को न केवल कला के प्रति रुचि बढ़ी, बल्कि यह भी समझ में आया कि किस प्रकार से पारंपरिक कला रूपों को सहेजना और बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।
इसके अतिरिक्त, ऐपण प्रशिक्षण सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसे निर्मला कुंवर ने संचालित किया। इस सत्र में विद्यार्थियों को ऐपण कला की बारीकियां सिखाई गई, जो एक पारंपरिक पहाड़ी कला है। ऐपण के माध्यम से विद्यार्थियों को अपनी कला और संस्कृति के प्रति प्रेम बढ़ाने का अवसर मिला।
विंटर कैंप के आयोजन से यह स्पष्ट हुआ कि केवल शैक्षिक ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए ऐसी गतिविधियों का आयोजन भी अत्यंत आवश्यक है। इस कैंप ने न केवल विद्यार्थियों को नए कौशल सीखने का अवसर प्रदान किया, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति से भी जोड़ने का कार्य किया।
अंत में, जी जी आई सी जयंती के शिक्षकों और विशेषज्ञों की कड़ी मेहनत और समर्पण से यह विंटर कैंप सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह आयोजन विद्यार्थियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ, जो उन्हें जीवनभर प्रेरित करेगा।