अल्मोड़ा – कलेक्ट्रेट के वीसी कक्ष में जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय की अध्यक्षता में फॉरेस्ट फायर की रोकथाम के लिए बैठक आयोजित की गई। बैठक में जल निगम और जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे ऐसे संवेदनशील वन क्षेत्रों में जहां पानी की पाइपलाइन बिछी हुई हैं, प्रत्येक 500 मीटर पर पानी का प्वाइंट बनाएं, ताकि फॉरेस्ट फायर के दौरान उसे उपयोग कर आग पर काबू पाया जा सके। जिलाधिकारी ने पूर्व में दिए गए निर्देशों की समीक्षा की और जिन अधिकारियों ने इस पहल को सही ढंग से लागू नहीं किया, उनकी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कड़े निर्देश दिए कि अगले दो दिनों में सर्वेक्षण पूरा कर लिया जाए और उन प्वाइंट्स को जीआईएस पर भी मैप किया जाए।
यह पहल वनाग्नि की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी द्वारा शुरू की गई है। इसके तहत लगभग 100 किलोमीटर के क्षेत्र में, जहां पेयजल लाइनें बिछी हैं, वहां प्रत्येक 500 मीटर पर पानी के प्वाइंट और अंडरग्राउंड टैंक बनाए जाएंगे। इन टैंकों से फॉरेस्ट फायर के समय पानी लेकर आग बुझाने में मदद मिलेगी, और जंगली जानवरों को भी जंगल में पानी मिलेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि यह कार्य प्रयोगात्मक रूप से किया जा रहा है, और अगर यह सफल हुआ तो अगले वर्ष से इसे पूरे जनपद में लागू किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने सख्त लहजे में कहा कि यह कार्य प्राथमिकता से करना है, क्योंकि फॉरेस्ट फायर को आपदा घोषित किया गया है। उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को निर्देश दिया कि इस कार्य के लिए सभी खंडों को दो लाख रुपये की आंशिक राशि प्रदान की जाए, ताकि काम सुचारू रूप से हो सके। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी और डिप्टी कलेक्टर याक्षी अरोड़ा समेत संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति रही।